विकास के लिए पंचायतों को पैसा नहीं दे रही सरकार -वसुन्धरा

DSC_0218मंडावा/ फतेहपुर/ लक्ष्मणगढ़। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि सरकार ने पंचायतों को प्राथमिक शिक्षा, चिकित्सा, महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण और कृषि जैसे पांच महत्वपूर्ण विभाग सौंपने के आदेश किये थे, लेकिन व्यवहारिक तौर पर ये विभाग आज भी पंचायतों के पास नहीं है। प्रदेश के सरपंचों ने मुख्यमंत्री से पंचायतों को अधिकार सौंपे जाने की मांग भी की, लेकिन उन्हें जयपुर में दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। उन्हें जेलांे में डाला गया। लोकतंत्र में प्रदेश का मुखिया ग्राम पंचायतों के मुखिया के साथ ऐसा व्यवहार करे तो क्या यह अशोभनीय नहीं है? आज हमारे गांव विकास को तरस गये हैं, क्योंकि पंचायतों को सरकार विकास के लिए पर्याप्त पैसा नहीं दे रही। श्रीमती राजे शेखावाटी अंचल के मंडावा, फतेहपुर और लक्ष्मणगढ़ कस्बों में जनसभाओं को सम्बोधत कर रही थी।
पड़ न जाये कहीं तनख्वाह के लाले
वसुन्धरा राजे ने कहा कि उनकी सरकार सरकारी खजाने में 5 हजार करोड़ रुपये छोड़कर गई थी, 1700 करोड़ रुपये अलग से थे। अफसरों को चिंता सता रही है कि कहीं आने वाले समय में सरकार का खजाना खाली न हो जाये और सरकारी कर्मचारियांे को तनख्वाह भी नहीं मिले। क्योंकि जनता के खजाने को जिस तरह से यह सरकार चुनाव में खर्च कर रही है, उससे ये स्थितियां उत्पन्न हो सकती है। सरकार हर चीज पैसों से खरीदना चाहती है, लेकिन राजस्थान की स्वाभिमानी जनता जानती है कि सरकार जो पैसा उन्हें दे रही है वह जनता का ही पैसा है।
लाठियां नहीं नौकरियां दे सरकार
वसुन्धरा राजे ने कहा कि आरटेट में 60 प्रतिशत से कम अंक वालों को शिक्षक नियुक्ति के लिए अयोग्य घोषित किये जाने के विरोध में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे बीएड व एसटीसी अभ्यर्थियों पर सरकार ने लाठियां बरसाई, जो घोर निंदनीय है। सरकार युवाओं को नौकरियां दे लाठियां नहीं।
इनके भाषण झूंठे, वादे झूंठे और इरादे झूंठे
वसुन्धरा राजे ने कहा कि कांग्रेस की ये सरकार पूरी तरह से झूंठे विज्ञापनों की नींव पर टिकी हुई है। इनके भाषण झूंठे, इनके वादे झूंठे और इनके इरादे झूंठे। विज्ञापन में जिस फोर्टीफाइड आटे को सरकार उपलब्धि बता रही है उसे कोई खाने को तैयार ही नहीं है। विज्ञापन में जिन मसालों की सरकार बात कर रही है वे राशन की दुकान से सस्ते और अच्छी क्वालिटी के बाजारों में मिल रहे हैं। एक तरफ सरकार विज्ञापनों में दुग्ध उत्पादकों को 2 रुपये प्रति लीटर का अतिरिक्त आर्थिक सहयोग देने का दावा कर रही है और दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट पूछ रहा है कि राजस्थान सरकार ने मिलावटी दूध की ब्रिकी पर रोक लगाने के लिए क्या किया? राजस्थान में 76 फीसदी मिलावटी दूध मिल रहा है। मिलावटी दूध सस्ता मिलता है। इसलिये पशुपालकों का दूध खरीदा ही कम जाता है।
पलायन नहीं होने देंगे
वसुन्धरा राजे ने कहा कि उनकी आने वाली सरकार प्रदेश में पलायन को रोकेगी। युवाओं को राजस्थान में ही नौकरी के अच्छे अवसर उपलब्ध करवायेगी, ताकि वे दूसरे प्रदेशों की ओर रुख नहीं कर सके। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि उनकी सरकार टेट की परीक्षा को खत्म कर आरपीएससी के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती करवायेगी।
ये रहे मौजूद- नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सतपाल मलिक, राष्ट्रीय सचिव भूपेन्द्र यादव, भाजपा विधायक दल के सचेतक राजेन्द्र राठौड, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कैलाश मेघवाल, सुभाष महरिया, निहारिका राजे, पूर्व मंत्री डॉ. हरिसिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. दिगम्बर सिंह, जिला अध्यक्ष दशरथ सिंह सहित कई नेता।
error: Content is protected !!