राज्य के आदिवासी क्षेत्र में सामान्य वर्ग को ‘आरक्षण’

rajsthan

इस साल के अंत में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव में आदिवासी क्षेत्र में सामान्य वर्ग के मतदाताओं को लुभाने के लिए अशोक गहलोत सरकार अब आदिवासी क्षेत्र में सामान्य वर्ग को आरक्षण देने की तैयारी कर रही है।

सरकार की योजना के मुताबिक जनजाति उपयोजना क्षेत्र में सरकारी नौकरियों में स्थानीय सामान्य वर्ग और ओबीसी को वरीयता दी जाएगी। जनजाति आरक्षण के पद भरने के बाद बची हुई सीटों पर यह वरीयता मिलेगी। यह प्रावधान छोटे पदों के लिए ही होगा। इसकी औपचारिक घोषणा कभी भी हो सकती है।

सूत्रों के मुताबिक सरकार के प्रस्ताव को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। चूंकि मसला राजनीति से जुड़ा है, इसलिए अधिकारी आधिकारिक तौर पर कुछ कहने से बच रहे हैं।

कांग्रेस संदेश यात्रा लेकर चल रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने टीएसपी क्षेत्र के सामान्य वर्ग के पार्टी नेताओं और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ उदयपुर में बैठक कर इस निर्णय के फायदे-नुकसान के बारे में चर्चा की । सभी वर्गो को समान लाभ को लेकर सामान्य वर्गो का संगठन समानता मंच संघर्षरत है। 2004 में आरपीएससी की भर्ती में सामान्य और ओबीसी वर्ग के आरक्षण के प्रावधानों को हटाने की सूचना पर डूंगरपुर जिले के आसपुर में आंदोलन शुरू हुआ था।

मंच पदाधिकारियों के अनुसार 1992 में एक आयोग ने टीएसपी में सामान्य और ओबीसी को पिछड़ा बताते हुए 30 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान शुरू किया था यह लाभ 1994 से 1996 तक की भर्तियों में मिला था।

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