उदयपुर का मेला जैसे कोई फैशन शो !

mela 2fair-1halyali 2hariyali_amavas_6haryali amshvashya ka mela-सतीश शर्मा- उदयपुर. हरियाली अमावस्या का दो दिवसीय मेला मंगलवार को ग्रामीण और शहरी जनता की रेलमपेल के बीच उमंग-उत्साह के साथ शुरू हुआ। मेले में सज-धजकर आर्इं और मधुर मुस्मान बिखेरतीं ग्रामीण बालाओं के झुण्ड ताल से ताल मिलाकर यू चल रहे थे मानो यह मेला नहीं बल्कि कोई फैशन शो हो !
सुबह से बादलों के डेरों के बीच मौसम सुहाना रहा। ऐसे में दोपहर को ही मेले में लोगों की आवक बढ़ने लगी। ग्रामीण क्षेत्रों से लोग सुबह से ही फतहसागर पाल, सहेलियों की बाड़ी क्षेत्र में जुटने लगे। ग्रामीण क्षेत्रों से बसें आज ओवरलोड भरकर आती दिखी। ग्रामीण युवक-युवतियों ने मेले का भरपूर आनंद लिया। मित्रों और सहेलियों के साथ टोली में आए इन युवक-युवतियों ने लोक गीतों और पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ शिरकत की।
इससे मेले का माहौल लोकरंग में रंगा नजर आया। युवक-युवतियों की टोलियां एक स्वर में गीतों की टेक लगाते हुए जिधर से गुजरे लोग स्तब्ध होकर उन्हें देखते रहे। वहीं एक साथ पुपाड़ी बजाती टोलियों ने भी अचंभित किया। मेले में सुबह जहां ग्रामीणों की भीड़ दिखाई दी, वहीं दोपहर बाद शहरी लोगों की भीड़ बढ़ेगी। इधर, शहर की मिठाई की दुकानों पर सुबह से खासी भीड़ रही। लोगों ने रबड़ी, मावे की मिठाई, जलेबी आदि की जमकर खरीदारी की। इस दिन मालपुए का महत्व होने के कारण रबड़ी के व सादे मालपुए खूब बिके। हर मिठाई की दुकान पर मालपुए विशेष रूप से बनाए गए।
किया दान-पुण्य
हरियाली अमावस्या पर दान-पुण्य का महत्व है। इस दिन मिठाई में मालपुए के साथ ही अन्य सभी प्रकार की सामग्रियों का दान किया जाता है। श्रद्धालुओं ने मंदिरों में जाकर भगवान के दर्शन किए। कई भक्तों ने दान की सामग्री मंदिरों में चढ़ाई तो कइयों ने जरूरतमंदों को वितरित की।लोगों ने घर पर भी मिठाइयां बनाई और अपने रिश्तेदारों को भोजन पर निमंत्रित कर इस त्यौहार का लुत्फ उठाया।
इस बार भी खाली है झील :
उदयपुर. फतहसागर झील पर हरियाली अमावस्या मेला लगने के पीछे माना जाता है कि तत्कालीन महाराणा द्वारा झील निर्माण के बाद इसी दिन झील लबालब हुई थी। यही नजारा देखने महाराणा के साथ शहरवासी झील किनारे पहुंचे थे। लेकिन, पिछले एक दशक से मेलार्थी झील को लबालब देखने को तरस गए हैं। इस बार भी केचमेंट एरिया में बारिश कम होने से झील में पानी की आवक नहीं हुई। जबकि, देहाती लोग लबालब झील देखने ही यहां पहुंचते हैं।
जयंती पर शनिदेव को तेल का अभिषेक 

jai shani devउदयपुर. हरियाली अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है। इस अवसर पर हाथीपोल लोहा बाजार स्थित शनिदेव मंदिर पर विशेष तैयारियां की गई तथा शनिदेव की प्रतिमा का विशेष शृंगार किया। इस अवसर पर शनिदेव के दर्शन करने के लिए सुबह से भक्तों का आना शुरू हो गया था। पूरे दिन रजत आंगी से शृंगारित शनिदेव की मूर्ति पर तेलाभिषेक किया गया। शनि जयंती पर मंदिर परिसर पर विद्युत सज्जा की गई। मंदिर के बाहर स्वागत द्वार भी बनाए गए। शाम को आने वाली भक्तों की भीड़ को देखते हुए कुछ भक्त व्यवस्थाएं संभालने में अपनी सेवाएं दी और शाम को शनिदेव की विशेष आरती भी हुई ।
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