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छात्रसंघ चुनाव आगामी 24 अगस्त को होने हैं। इसकी तिथि तय होने के साथ ही कैम्पस में चुनावी गतिविधियों ने सोमवार को जोर पकड़ लिया। दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा व कांग्रेस के अग्रिम संगठन एवीबीपी व एनएसयूआई ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। दोनों ही प्रत्याशियों व उनके सर्मथकों ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है। जानकारों का मानना है कि छात्रसंघ चुनाव परिणाम बताएंगे कि युवा पीढ़ी विधानसभा चुनावों में किस ओर रुख करेगी। विधानसभा चुनाव से ठीक 3 माह पूर्व हो रहे छात्रसंघ चुनावों पर दोनों राजनीतिक दलों की भी पैनी नजर रहेगी। दोनों ही दल पिछले लम्बे अरसे से युवाओं को पार्टी से जोड़ने के प्रयासों में जुटे भी रहे हैं।
सुविवि में त्रिकोणीय संघर्ष –
सुविवि में एनएसयूआई व एबीवीपी के प्रत्याशी के साथ छात्र संघर्ष समिति ने अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है। गत चुनाव में एबीवीपी व छात्र संघर्ष समिति के प्रत्याशी के बीच कड़ा मुकाबला रहा था। इस बार एनएसयूआई के बागी धड़े के शामिल होने के साथ ही इसी गुट का प्रत्याशी मैदान में है। ऐसे में एनएसयूआई पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार मजबूत बताई जा रही है। वहीं एबीवीपी अपना दबदबा कायम रखने की कोशिश में है। जबकि, छात्र संघर्ष समिति पुरानी पकड़ पुन: बनाने में दम खपाने में जुटी है।
वाटिका से संचालित कार्यालय –
पिछले छात्र संघ चुनाव में प्रत्याशियों ने अपने चुनाव कार्यालय छोटे स्थानों की बजाय वाटिकाओं जैसे स्थलों पर स्थापित किए थे। साथ ही फ्रेशर पार्टी आयेजित कर मतदाताओं को लुभाने के जतन किए थे।
-सतीश शर्मा
-सतीश शर्मा