उदयपुर। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं विधायक किरण माहेश्वरी नें उदयपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ की स्थापना के लिए तारांकित प्रश्न के माध्यम से राज्य सरकार से उसके विचारों की सूचना मांगी है। यह प्रश्न मंगलवार 27 अगस्त को सरकारी उत्तर के लिए सूचीबद्ध हो गया है।
किरण नें सरकार से पूछा कि उदयपुर में स्वतंत्रता पूर्व एवं पश्चात् किस तिथि तक उच्च न्यायालय कार्य कर रहा था ? इसकी स्थापना किस आदेश के अन्तर्गत की गई थी तथा इसे किस आदेश से बंद किया गया ? जयपुर में उच्च न्यायालय की पीठ कब स्थापित की गई व इसकी स्थापना के मुख्य कारण एवं आधार क्या थे ? उदयपुर सम्भाग के सभी जिले एवं भीलवाडा़ जिले से जोधपुर की न्यूनतम एवं अधिकतम दूरी कितनी है ? क्या मेवाड़ वागड़ अंचल के अधिवक्ताओं एवं अन्य संगठनों ने उदयपुर में उच्च न्यायालय की पीठ स्थापित करने के लिये राज्य सरकार को कोई ज्ञापन दिया है ? यदि हां, तो सरकार द्वारा प्राप्त ज्ञापन पर क्या कार्यवाही की जा रही है ?
किरण नें कहा कि उदयपुर में उच्च न्यायालय की पीठ को बंद करके अंचल की जनता के साथ विश्वासघात किया गया है। देशी रियासतों के एकीकरण में मेवाड़ की अग्रणी भूमिका थी। पूर्व में भी उन्होंने इस संबंध में प्रश्न पूछा था; किन्तु सरकार नें उसका कोई उत्तर ही नहीं दिया। उदयपुर में उच्च न्यायालय की पीठ का जोधपुर एवं जयपुर के वकीलों द्वारा विरोध करना संकीर्णता की पराकाष्ठा है। एक छोटे से समूह के व्यावसायिक हितों के लिए एक करोड़ जनता के न्याय प्राप्त करने के अधिकारों की उपेक्षा नहीं की जा सकती है।