कलाकारों को प्रोत्साहित करने को सरकार प्रतिबद्ध-गहलोत

3बीकानेर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि कला और कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार प्रतिबद्घ है। सरकार द्वारा साहित्यकारों के लिए कल्याण कोष स्थापित किया गया है तथा कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले कलाकारों को राज्य के सर्वोच्च पुरस्कार ‘राजस्थान रत्नÓ से सम्मानित करने की परम्परा शुरू की गई है।
गहलोत मंगलवार को गंगाशहर स्थित धर्म सज्जन ट्रस्ट के ‘सेंटर फॉर लाईफÓ के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक सद्भाव और ‘अनेकता में एकताÓ की भावना के कारण देश की आजादी के 65 साल बाद भी देश एक सूत्र में बंधा है।
2आज आतंकवाद और नक्सलवाद जैसी अनेक चुनौतियां देश के सामने खड़ी हैं लेकिन समाज का एक तबका लेखनी के माध्यम से इन चुनौतियों से निपटने के लिए पूरे देश को जागृत कर रहा है। उन्होंने कहा कि लेखनी से भाईचारे का संदेश और देश प्रेम की भावना फैलती है साथ ही सभ्यता और संस्कृति का भी प्रसार होता है। उन्होंने कहा कि अच्छे संस्कार पूंजी के रूप में मनुष्य के साथ चलते हैं। यह संस्कार आने वाली पीढिय़ों में भी कायम रहें इसके लिए सरकार के साथ-साथ विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं को भी पहल करनी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कला और कलाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए कोई कमी नहीं रखी है तथा आगे भी इस क्षेत्र में प्राथमिकता से कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राज्य स्तर का ‘साहित्य महोत्सवÓ शीघ्र ही आयोजित किया जाएगा। इसमें कला और साहित्य के क्षेत्र में राजस्थान का नाम रोशन करने वाले कलाकारों और साहित्यकारों को आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कलाकारों का सम्मान करना किसी भी सरकार का कत्र्तव्य होता है। सरकार द्वारा इस क्षेत्र में एक अभिनव शुरूआत की गई है। सरकार कला, संस्कृति और समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली प्रतिभाओं को ‘राजस्थान रत्नÓ पुरस्कार गत दो वर्षों से किए जा रहे हैं।
1गीतकार जावेद अख्तर ने कहा कि राजस्थान की धरती अद्भुत है। बीकानेर भी ऐतिहासिक शहर है। यहां वीर भी हंै,कलाकार भी हंै। यहां के लोगों के एक हाथ में कलम थी तो दूसरे हाथ में तलवार । आजादी के पश्चात राष्ट्र ने काफी तरक्की की है पर युवा पीढ़ी राष्ट्र की सभ्यता, संस्कृति, लोक गीत व साहित्य से दूर होती जा रही है। उन्होंने रूपक में कहा ÓÓपेड़ की टहनियां फैल रही हंै पर जडं़े छोटी होती जा रहीं हंै, फिर पेड़ खड़ा कैसे रहेगाÓ। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भाषा सीखनी आवश्यक है पर स्थानीय भाषाओं व संस्कृति को नहीं भुलाया जाए। उन्होंने युवा पीढ़ी का आह्वान किया कि वे देश की तरक्की के लिए मिशन के रूप में कार्य करें। इस अवसर पर उन्होंने अपनी ‘वक्तÓ शीर्षक कविता का वाचन किया ।
अभिनेत्री शबाना आजमी ने कहा कि राजस्थान की समृद्घ कला फूले व फले। कला को सामाजिक बदलाव के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए। यह ट्रस्ट पूरी लगन और ईमानदारी के साथ सामाजिक बदलाव के लिए कार्य कर रहा है। आजमी ने कहा कि स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहन देने और उससे जुड़े लोगों को राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने के लिए धरम सज्जन ट्रस्ट द्वारा बेहतरीन सेंटर फार लाइफ का निर्माण करवाया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इस सेंटर से जुडऩे वाले कलाकार अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा से कला को एक नई पहचान देंगे।
कार्यक्रम का संयोजन करते हुए ट्रस्ट से जुड़े अजय चौपड़ा ने बताया कि ट्रस्ट की स्थापना 1995 में एक मौलिक चिंतन के साथ की गई थी। ट्रस्ट की गतिविधियों व स्थापना के संबंध में 8 मिनट की एक लघु फिल्म के माध्यम से बताया गया कि ट्रस्ट द्वारा राष्ट्रीय भावना जागृत करने, महिला सशक्तीकरण, वन्य जीव जन्तु की रक्षा के साथ-साथ प्रजातंत्र में लोगों का अधिकाधिक जुड़ाव हो, इस पर किए गए कार्यों को विस्तार से बताया गया ।
इस अवसर पर राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ.बुलाकी दास कल्ला, जिला प्रमुख रामेश्वर डूडी, नगर विकास न्यास के अध्यक्ष मकसूद अहमद, संभागीय आयुक्त आनंद कुमार, पुलिस महानिरीक्षक जनार्दन शर्मा, जिला कलक्टर आरती डोगरा सहित, पुलिस अधीक्षक हरि प्रसाद शर्मा सहित विभिन्न साहित्यकार, प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी व गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
-मोहन थानवी

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