पहली तनख्वाह को तरसे पंचायतीराज एलडीसी

ज्वाइनिंग के दो माह बाद भी नहीं मिला वेतन 
पंचायत राज के लिपिकों को वेतन कौन देगा
शाहपुरा ब्लॉक के 36 लिपिकों को चौथे माह भी नहीं मिला वेतन
-मूलचन्द पेसवानी- शाहपुरा / पिछले चार माह से पंचायत मुख्यालय पर स्थित राजीव गांधी सेवा केंद्रों पर काम कर रहे है। क्षेत्र के सैकड़ों महानरेगा मजदूरों के भुगतान का काम हमारे हाथों से हो रहा है परंतु हमकों राजकीय सेवा में चार माह होने के बाद भी अब तक एक बार भी सरकारी कोष से भुगतान नहीं हो पाया है। हमें वेतन कौन देगा, यह तक पता नहीं चल रहा है। पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास विभाग को नए एलडीसी भर्ती के बाद राहत मिली, लेकिन नौकरी पर लगे अभ्यर्थियों की खुशी काफूर होने लगी है। संविदा पर लगे कर्मचारियों को पंचायतीराज विभाग ने नौकरी दे दी। काम ले लिया, लेकिन पगार देना भूल गया।
यह पीड़ा है शाहपुरा पंचायत समिति क्षेत्र की 36 पंचायतों में नियुक्त कनिष्ठ लिपिकों की। प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर लगे कनिष्ठ लिपिकों की पीड़ा यह है कि जून माह में नियुक्ति मिलने व कार्य भार संभालने के बाद अब तक उनको पहला वेतन नहीं मिला है। सरकारी नौकरी के बाद भी वेतन न मिलने के मामले को लेकर इन कनिष्ठ लिपिकों में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
आज इन लिपिकों ने बताया कि वेतन न बनने के कारण उनका सर्विस रिकार्ड तक नहीं बन पा रहा है। मासिक वेतन बनने के बाद ही उनको सर्विस रिकार्ड तैयार हो सकेगा तथा उसके आधार पर ही उनको लाभ भी मिलना संभव हो सकेगा।
राजस्थान ग्राम सेवक संघ के प्रदेश संगठन मंत्री महबूब ने बताया कि पंचायत मुख्यालय पर पदस्थापित लिपिकों को समय पर वेतन न मिलने के कारण इनकी हालत काफी खस्ता हो चली है। उन्होंने वेतन समय पर देने की मांग करते हुए जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि समस्या का समाधान तुरंत कराया जाए।
वेतन देने की बात पर जिला परिषद प्रशासन टालमटोल कर रहा है। वहां से एक ही जवाब मिल रहा है सरकार के इस बारे में निर्देश नहीं है कि एलडीसी को किस मद से वेतन देना है? पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जिले में लंबी कागजी खानापूर्ति के बाद कनिष्ठ लिपिकों के 808 पदों के लिए जिला परिषद में 10 जुलाई को भर्ती प्रक्रिया पूरी की। इनमें 287 पदों पर 11 पंचायत समितियों में अभ्यर्थियों ने ज्वाइन किया। उन्हें भी वेतन के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। जिला परिषद से पंचायत समितियों तक में किसी को पता नहीं है कि नए कर्मचारियों को पहला वेतन आखिर कब मिलेगा।
विकास अधिकारी अब जिला परिषद से इस संबंध में मार्गदर्शन मांगने की खानापूर्ति कर रहे हैं। वहीं जिला परिषद मार्गदर्शन नाम पर महज पत्रव्यवहार कर रही है।
इनका कहना है कि 
कनिष्ठ लिपिकों को वेतन अब तक नहीं मिल सका है। इस संबंध में जिला परिषद से मार्ग दर्शन मांगा जा रहा है। कनिष्ठ लिपिकों के पे स्केल व ग्रेड तथा मद का स्पष्ट आदेश न होने के कारण वेतन बिल नहीं बन सके है।
-जगदीश प्रसाद जोशी
विकास अधिकारी, पंचायत समिति शाहपुरा
वेतन कहां से देना है। कोई दिशा निर्देश नहीं हैं। सरकार से मार्गदर्शन मांगा है। वेतन नहीं मिलने की समस्या तो है। दो बार पत्र लिख चुके हैं। सोमवार तक एक और प्रयास करेंगे।
-रामपाल शर्मा, सीईओ जिला परिषद भीलवाड़ा
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