बारहठ का बलिदान लोकतंत्र की मजबूती के लिए था

जोरावरसिंह बारहठ को दी श्रृद्वांजली
12SHP1शाहपुरा / शाहपुरा के  क्रांतिकारी जोरावर सिंह बारहठ की जयंती समारोह प्रतापसिंह बारहठ सेवा संस्थान की ओर से बारहठ हवेली में किया गया। इस मौके पर सप्ताह भर से आयोजित हो रहे शहीद नमन सप्ताह का भी औपचारिक रूप से समापन किया गया। समारोह में वक्ताओं ने कि जोरावरसिंह बारहठ द्वारा देश के लिए दिया बलिदान लोकतंत्र की मजबूती के लिए था। आज उसे बनाये रखने की महत्ती जरूरत है।

वंदेमातरम फाउंडेशन के उपाध्यक्ष लालचंद बेली के मुख्य आतिथ्य व केसरीसिंह बारहठ स्मारक समिति के सचिव चांदकरण मूंदड़ा की अध्यक्षता में आयोजित समारोह के विशिष्ठ अतिथि संचिना कला संस्थान के अध्यक्ष रामप्रसाद पारीक व महाविद्यालय के प्राध्यापक प्रो. जगदीशचंद्र शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
समारोह में जोरावर सिंह बारहठ के जीवन गाथा के गुणगान किये गये। इस मौके पर अमर शहीद प्रतापसिंह बारहठ सेवा संस्थान के सचिव कैलाशसिंह जाड़ावत ने स्वाभिमान यात्रा के संस्मरण सुनाये तथा प्रत्येक विद्यालय में बारहठ बंधुओं का साहित्य पहुंचाने की बात कही। मुख्य अतिथि बेली ने जोरावर सिंह बारहठ के जीवन चरित्र व व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनकी देशभक्ति का आज हर कोई कायल है। उन्होंने मुंबई में आयोजित किये गये बारहठ स्मृति समारोह की विस्तार से जानकारी दी।  प्रो. शर्मा ने १९४७ की अंतिम क्रांति तक जितने भी बलिदान हुए उनमें जोरावर सिंह का अतुलिय त्याग, अपरिमित धेर्य व अनंत कष्ट वालों में प्रमुखता से लियाा जाता है। संचिना अध्यक्ष रामप्रसाद पारीक ने बारहठ परिवार पर लघु नाटक तैयार कर संचिना कलाकारों की ओर से मंचन करने की घोषणा की। समारोह में गीतकार ओमप्रकाश सनाठ्य, संगीतकार बालकृष्ण बीरा, पं. रघुनाथप्रसाद वैष्णव ने भी विचार रखे। शुरूआत में बारहठ की प्रतिमाओं पर माल्र्यापण व पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इससे पूर्व सप्ताह भर में आयोजित किये गये कार्यक्रम का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए संयोजक कैलाशसिंह जाड़ावत ने बताया कि शाहपुरा के समस्त विद्यालयों के बच्चों ने बारहठ हवेली का अवलोकन किया। बारहठ जयंती समारोह का आयोजन आज राउप्रावि निंबाहेड़ा व बारहठ के पेतृक गांव देवखेड़ा में भी आयोजित किया गया। -मूलचन्द पेसवानी. शाहपुरा
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