चुनाव और मीडिया विषय पर सेमीनार का हुआ आयोजन

मीडिया में ईमानदारी और निष्पक्षता का रास्ता ही सबसे अच्छा -विजय क्रांति
jar jaipur 6-10-13 (1)jar jaipur 6-10-13jar jaipur 6-10-13 (2)-मूलचंद पेसवानी- जयपुर / भीलवाड़ा / मौजूदा दौर में जब समाज में चैतरफा बदलाव की लहर चल रही है, ऐसी सूरत में मीडिया को आंतरिक अनुशासन का एक ऐसा मार्ग अपनाना चाहिए, जिससे हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था और मजबूत हो और लोग मीडिया पर उंगलियां नहीं उठाएं। यह बात जयपुर में रविवार को पिंक सिटी प्रेस क्लब में आयोजित एक सेमीनार में उभरकर सामने आई। सेमीनार का विषय था चुनाव और मीडिया। इस सेमीनार का आयोजन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार) की तरफ से पिंक सिटी प्रेस क्लब के सहयोग से किया गया था।
सेमीनार के मुख्य वक्ता व वरिष्ठ पत्रकार विजय क्रांति ने कहा कि मीडिया का काम जानकारी एकत्रित कर उसे समाज के सामने रखने का है। उन्होंने कहा कि सही मायने में तो मीडिया की भूमिका एक पोस्टमैन की है, लेकिन आज मीडिया का स्वरूप बदल गया है। आज के युग में मीडिया की बागडोर कॉरपोरेट घरानों के हाथों में है, जिनके लिए नैतिकता कोई मायने नहीं रखती। इससे सामाजिक मूल्यों में भी गिरावट आ रही है। ऐसी स्थिति में पत्रकार सबको खुश नहीं रख सकता। ऐसे में ईमानदारी और निष्पक्षता का रास्ता ही सबसे अच्छा है। उन्होंने कहा कि आज निजी कंपनियों के बाद मीडिया में भी कांन्ट्रेक्ट पर पत्रकारों को रखने का चलन है, जिससे सामूहिकता का भाव समाप्त हो रहा है और इससे मीडिया जगत बहुत नुकसान हो रहा है।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पानाचंद जैन ने कहा कि हमारे देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका और चतुर्थ स्तंभ मीडिया की समग्रता जरूरी है। गणतंत्र के प्रहरी चारों पायदानों को बनाए रखने के लिए नैतिकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि नैतिकता ही समाज के वातावरण को बनाए रखने का आधार है।
न्यायमूर्ति जैन ने कहा कि गणतंत्र के चारों पायदानों में सुधार करने की जरूरत है। इनमें से एक भी अपने मार्ग से विमुख होता है तो गणतंत्र व्यवस्था के लिए घातक है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि हमारे देश में आज कानून बनाने वाले एक तिहाई जनप्रतिनिधि ही दागी हंै। उन्होंने कहा कि गणतंत्र को सुधारने का चुनाव ही एकमात्र जरिया है। चुनावों की समग्रता को समझने की जरूरत है। जिस प्रकार आम आदमी को वोट देने का अधिकार मालूम है, वहीं अब वोट किसे देना है यह भी जानना जरूरी है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों की चयन प्रक्रिया पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों के लिए न्यूनतम शिक्षा अनिवार्य होनी चाहिए। जब देश में शिक्षा के अधिकार का कानून है फिर भी व्यवस्था में बदलाव क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि कई बार तो ऐसी स्थिति आ जाती है जब अनपढ़ जनप्रतिनिधि शिक्षा मंत्री तक बन जाता है। न्यायमूर्ति जैन ने कहा कि मीडिया की ऐसी भूमिका होनी चाहिए जिससे समाज में गलत असर नहीं पड़े। मीडिया को अन्याय व गलत कार्यों पर तीखी आलोचना करने का पूर्ण अधिकार है, लेकिन मीडिया के कार्यों में सत्यता की अभिव्यक्ति होनी चाहिए।
सेमीनार में विषय प्रवर्तन करते हुए वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र बोड़ा ने कहा कि चुनावों से ठीक पहले चुनाव और मीडिया पर सेमीनार होना सोने पर सुहागे के समान है। उन्होंने कहा कि शब्द बहुत सरल है लेकिन भूमिका बहुत बड़ी है। बोड़ा ने कहा कि चुनावों में मीडिया का काम है कि मतदाताओं को प्रत्याशी के बारे में भी जागरूक करे कि किस उम्मीदवार का चयन करना है। जनप्रतिनिधि ने समाज के लिए क्या किया इसके प्रति मतदाता को जागरूक करने का काम मीडिया का है। चुनाव आयोग के नियमों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाना और फॉलो करने में भी मीडिया की अहम भूमिका है। उन्होंने पेड न्यूज के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह चलन हालांकि बहुत पुराना है, लेकिन आज इसे पेड न्यूज का नाम दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि अखबार निकालना भले ही कारोबार है, पर समाचार लिखना और उसे प्रस्तुत करना कोई कारोबार नहीं है। उन्होंने कहा कि आज छपने लायक बातों को खबर नहीं माना जाता, बल्कि बिकने लायक बातों को खबर माना जाता है। इन हालात को देखकर लगता है कि अखबार आज फिर उसी शुरुआती दौरे में आ खड़े हुए हैं, जब विज्ञापनों के लिए पहला अखबार निकाला गया था।
जार के प्रदेश अध्यक्ष ताराशंकर जोशी ने सेमीनार में आए अतिथियों का स्वागत किया तथा जार के ऐतिहासिक महत्व पर जानकारी देते हुए प्रदेश भर से एकत्र हुए पत्रकारों से जार से जुड़ने का आव्हान किया। पिंकसिटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष नीरज मेहरा ने धन्यवाद ज्ञापित करने के साथ कि कहा कि आज चहुं ओर नैतिकता का हृास हुआ पर मीडिया से देश को बहुत ज्यादा अपेक्षाएं है। कार्पोरेट के दबाव के बाद भी पत्रकार अपनी भूमिका का निर्वहन बखुबी से कर रहे है। समारोह में जार के कार्यकारी अध्यक्ष प्रताप राव भी मौजूद थे। सेमीनार का संचालन जार के जयपुर जिला अध्यक्ष आशीष पाराशर ने किया। सेमीनार में वरिष्ठ पत्रकार मिलापचंद डांडिया, आनंद जोशी, अशोक चतुर्वेदी, वेदप्रकाश धोलपुर, सहित जार के प्रदेश महासचिव नीरज गुप्ता, प्रेस क्लब के कोषाध्यक्ष मुकश चैधरी, पंकज सोनी सहित अन्य पदाधिकारियों ने अतिथियों का स्वागत किया।
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