शहादत! यात्रा है सपूत बनने की : इंद्रेश

भीलवाड़ा : शहादत यात्रा है पूत से सपूत बनने की। तीन करोड़ 17 लाख लोगों के बलिदान की कीमत पर स्वाधीनता मिली है। इस इतिहास का स्मरण रखना है। अपनी आने वाली पीढिय़ों को बताना है। शहादत की कीमत भुला दी तो हमारा इतिहास गुलामी का होगा। यह कहना है राष्ट्रीय चिंतक इंद्रेश कुमार का।
वे सोमवार को महाराणा प्रताप सभागार में मंथन परिवार के प्रबुद्धजन सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता के लिए दिए बलिदान को देश भूल रहा है। सत्ता स्वाधीनता की कीमत भुला रही है क्योंकि उसने कीमत नहीं दी। इस षडय़ंत्र को समझना होगा। जिसे आज हम अपना राज कह रहे है उसमें पांच लाख से ज्यादा लोग जान दे चुके हैं। हालात को समझना होगा, कर्तव्य के लिए जागरुक होना होगा। देश के सम्मान और स्वाभिमान पर चोट नहीं पहुंचे यह संकल्प करें। कार्यक्रम में महंत हंसराम, पेसेफिक मेनेजमेंट के डायरेक्टर डॉ. भगवती प्रसाद,पूर्व एसई पीएचडी जगदीशप्रसाद जोशी व मानवसेवा संस्थान के कोषाध्यक्ष चांदमल सोमाणी मंचासीन थे। दीप प्रज्वलन व अतिथियों का मेवाड़ी पगड़ी पहनाने के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। रवि जाजू ने अतिथियों का परिचय दिया। डॉ.संतोषानंद गारू ने कार्यक्रम का संचालन किया।

नहीं बचा नारी का मान
इंद्रेश ने सवाल किया कि नारी का सम्मान बचा नहीं तो कैसा विकास। अवैध नागरिक पल रहे हैं। कुर्सी के लिए शैतान पाले जा रहे हैं। भ्रष्टाचार बढ़ रहा हैं। कैसा विकास इंसान मर रहा है।

एक और पाकिस्तान का विमोचन
कार्यक्रम के दौरान तीन पुस्तकों का विमोचन किया गया। विसंगतियों का पुलिंदा, जम्मू-कश्मीर तथ्य समस्या और समाधान व एक और पाकिस्तान पुस्तक का विमोचन अतिथियों ने किया।

भारत माता के चरण… 

प्रियांशी जाजू ने राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत गीत प्रस्तुत किया। जाजू के गीत भारत मां के चरण कमल पर तनमन धन न्यौछावर कर दे…. श्रोता भी उनके साथ गाने लगे।

अब डॉ बदलना है
इंद्रेश कुमार ने कहा असम की बीमारी प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने बता दी। जो सभी को पता है। इलाज नहीं बताया। इलाज करना चाहिए। डॉक्टर बदलना होगा।

-रमेश पेसवानी
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