दलितों को दलित बनाने की होड़
आजादी के 66 वर्ष गुजर जाने के उपरांत महात्मा गाँधी के हरिजनों और बाबा अंबेडकर के दलितों को जाति व्यवस्था में बराबरी पर लाने हमारी सारी राजनैतिक अवधारणायें बेतुकी व हास्यास्पद साबित हुई है। क्योकि अब भी देखा गया है की इन दलितों को स्कूलों, कार्यस्थलों, सेवाओं, राजनीतिक दायरों, प्रार्थना स्थलों, स्वास्थ्य व्यवस्थाओ व सामाजिक अनुष्ठानो में भेदभाव … Read more