छपासों के डाक्टर

डी.बी. चौधरी- देवरा
जे. पी. गुप्ता- भीष्म पितामह
नरेन्द्र सिंह चौहान- ना काहू से दोस्ती..
रमेश अग्रवाल- रिमोट अपने हाथ है
डॉ. इंदुुशेखर पंचोली- ऊंची छलांग
वीरेन्द्र आर्य- फर्श से अर्श तक
अमित वाजपेयी- अजमेरी लाल
महेश शर्मा- काम से काम
उपेन्द्र शर्मा- पत्रकार कम, पर्यावरणविद ज्यादा
प्यारे मोहन त्रिपाठी- अभी तो मैं जवान हूं
राजेन्द्र शर्मा- आजीवन पत्रकार
ओम माथुर- अमरबेल
राजेन्द्र गुंजल- जिंदा रहने की कला
एस. पी. मित्तल- ब्लॉगर किंग
सुरेन्द्र चतुर्वेदी- रंगीनी कायम है
हरीश वर्यानी- मीठी छुरी
गोपाल सिंह लबाना- बुढ़ापा सुधर गया
ऋषिराज शर्मा- फकीरी मिजाज
तिलोक जैन- विरासत कायम है
गिरधर तेजवानी- आधा तीतर, आधा बटेर
यशवंत भटनागर- कसक बाकी रह गई
प्रेम आनंदकर- जमीर से सौदा नहीं
सुरेश कासलीवाल- मुराद पूरी हो गई
प्रताप सनकत- खुशकिस्मत
बृजेश शर्मा- नौकरी पक्की
अतुल सिंह- बाइस्कोप
अरविंद अपूर्वा- खूंटा जिंदाबाद
रक्तिम तिवाड़ी-जैसा मुंह वैसी बात
भानुप्रताप गुर्जर-नौकरी पक्की
धर्मेंद्र प्रजापति – चाल बड़ी मस्तानी
सचिन मुद्गल-पूंछ पकड़ ली
युगलेश शर्मा-यस बॉस
विक्रम चौधरी- रुस्तम
योगेश सारस्वत- सलाम आका
दिलीप मोरवाल-जेएलएन की दाई
बलजीत सिंह- गाडी मेरे दम पर
दिलीप शर्मा-जाऊं कहां बता ऐ दिल
संतोष खाचरियावास- लौट के घर को आए
संतोष गुप्ता- पत्रकारिता की ट्रेजडी
पंकज यादव- शराफत की मूर्ति
अरविंद शर्मा- हिटलर
अरविंद गर्ग- मुहंफट
संजय माथुर- ईमानदारी की मिसाल
सुरेश लालवानी- जवानी कायम है
निर्मल मिश्रा- अफलातून
पी.के. श्रीवास्तव- जुनून कायम है
क्षितिज गौड़- इकलौता अंग्रेजी पत्रकार
अमित टंडन- हमसे का भूल हुई
सूर्य प्रकाश गांधी- सबका बापू
तीरथदास गोरानी- ताव आ ही जाता है
नरेन्द्र भारद्वाज- आठ सोलह का पाना
रजनीश शर्मा-हीरो हीरालाल
कौशल जैन- सूतली बम
नवाब हिदायतुल्ला- ठाठ निराले
गिरीश दाधीच- सबको राम राम
आरिफ कुरैशी- खादिम
अमर सिंह राठौड़- जड़ जिंदा है
विनीत लोहिया- रोजे गले पड़ गए
देवेन्द्र सिंह- भोला भगत
रजनीश रोहिल्ला- उठाऊ चूल्हा
विजय कुमार शर्मा- दुकानों की फेहरिश्त
संजय अग्रवाल- ऑनरेरी जर्नलिस्ट
मनोज दाधीच- रंगीना रतन
मनवीर सिंह- तीखी मिर्च
नरेश राघानी – ऊंचे ख्वाब
प्रियांक शर्मा- मुंबई जाता तो बेहतर रहता
विकास छाबड़ा- विज्ञापनों का बादशाह
अनुराग जैन-तीन लोक से मथुरा न्यारी
राशिका महर्षि – बिंदास
आनंद शर्मा- जलवा दिखा ही दिया
महेश नटराज- तोकू कोई ठोर नहीं…
मुकेश परिहार- सेटिंग मास्टर
दिनेश गर्ग-जिजीविषा
सत्यनारायण झाला- धरती पकड़
जी. एस. विरधी- टैक्नीक मास्टर
जय माखीजा- छैल छबीला
अशोक बंदवाल- किंकर्तव्यविमूढ़
अनिल माहेश्वरी- साहब के खास
नानक भाटिया- चतुरसुजान
विक्रम सिंह बेदी – टाइटल ले लो जी
मुबारक खान – वेबसाइट किंग
सरवर सिद्दीकी – लखनवी अंदाज
अकलेश जैन – प्रेस क्लब का स्थाई स्तम्भ
बलदेव चौधरी – अवार्ड विनर
दीपक शर्मा- नंबर वन
आर. डी. कुवेरा- मक्खन
आशु- सब फ्रॉड हैं
विजय हंसराजानी- मैं भी पत्रकार हूं
माफ कीजिएगा, कुछ साथियों के नाम तो ख्याल में थे, मगर उनके टाइटल नहीं सूझे, लिहाजा उनको शामिल नहीं किया जा सका।

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