केदारनाथ मंदिर के बहाने मोदी ने फैंका हिंदू वोटों पर नया जाल?

22_06_2013-22NModi1उत्तराखंड के केदारनाथ में आई प्राकृतिक विपदा के बीच जैसे ही गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ मंदिर के पूर्ण जीर्णोद्धार की पेशकश उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से की देश की राजनीति यकायक गरमा गई है। कुछ लोग इसे जहां मानवता के नाम पर एक पवित्र पहल कह रहे हैं तो कुछ इसे मोदी के हिंदू वोटों पर नए जाल के रूप में देख रहे हैं। इलैक्ट्रोनिक मीडिया ने तो इस पर बहस ही करवा ली। बेशक अन्य राज्य भी इस आपदा में उत्तराखंड की हर किस्म की मदद कर रहे हैं, मगर मोदी का केदारनाथ मंदिर का पूरा जिम्मा लेने को इस रूप में देखा जा रहा है कि वे सदियों तक के लिए उस मंदिर पर अपनी छाप लगाना चाहते हैं। जाहिर सी बात है कि उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार इस शातिराना पेशकश को कदापि स्वीकार करने वाली नहीं है, क्यों कि इसका रूपांतरण सीधे सीधे आगामी चुनावों में वोटों के रूप में तब्दील हो जाएगा। बहुगुणा की दिक्कत ये है कि वे इस प्रस्ताव को सिरे से नकार भी नहीं सकते, क्योंकि इससे हिंदू मतदाता नाराज हो जाएंगे। वैसे भी ऐसे वक्त में किसी भी प्रकार की मदद को ठुकराना कत्तई जायज नहीं माना जाएगा।
यहां उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में बरपे कुदरत के कहर के बाद अपनी स्पेशल रेस्क्यू टीम संग देहरादून पहुंचे नरेंद्र मोदी रैंबो स्टाइल में दो दिन में करीब 15 हजार गुजराती श्रद्धालुओं को वहां से ले गए। उत्तराखंड में इन दो दिनों में मोदी अपनी खास वर्किंग स्टाइल से कांग्रेस की विजय बहुगुणा सरकार और आपदा में लगे प्रदेश के अधिकारियों को चिढ़ा गए। इस पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय ने कहा कि मोदी का मॉडल सिर्फ गुजरातियों के लिए काम करता है। उन्हें सिर्फ गुजरातियों की फिक्र थी, जबकि कई प्रदेशों के लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं। दिग्विजय ने ट्वीट किया कि मोदी जवानों और प्रशासन द्वारा बचा कर लाए गए लोगों का क्रेडिट ले रहे हैं। केदारनाथ मंदिर के सिलसिले में उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड को 10 करोड़ की मदद दी है और फिर से केदारनाथ को बनाने की पेशकश भी सबसे पहले की थी।

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