अपनी दिनचर्या एवं सोच में थोडा सा बदलाव करें और पायें खुशियाँ अपार

डा. जे. के. गर्ग
डा. जे. के. गर्ग
प्रति दिन कम से कम 7 घंटें की नींद जरुर लें |
जब प्रात:काल आप सो कर स्वस्थ एवं जीवित उठें तो इसके लिये ईश्वर को धन्यवाद दें |
परमात्मा पर आस्था रखते हुए प्रति दिन अपने आराध्यदेव (परमात्मा) की पूजा एवं प्रार्थना करें क्योकि प्रार्थनाओं से हमें हमारे दैनिक कार्य तथा दायित्वों के निष्पादन हेतु उर्जा एवं ईधन मिलता है |
प्रति दिन मैडिटेशन, योगा एवं लाइट कसरत करने के लिये कुछ समय निकालें |
नियमित रूप से आधा घंटा वाक (घूमने) करें वो भी मुस्करातें हुए | अगर व्यस्तता की वजह से आपके लिये वाक के लिये आधा घंटा भी निकालना संभव नहीं हो तो कम से कम 5 से10 मिनिट के लिये घुमने (वाक) के लिये जरुर जायें |
नित्य कुछ समय के लिये कोई भी गेम खेलें | किताबे पढ़े | व्यर्थ की गप्पबाजी में अपना और दूसरों का समय बर्बाद नहीं करें |
छोटे बच्चों और बुजर्गों के साथ थोडा समय जरुर बितायें और उनके संग हंसी मजाक करें |
जीवन में तीन सूत्र अपनायें—–ऊर्जावान बनें, उत्साही बने और अन्य लोगों के प्रति सोहार्दपूर्ण एवं सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार करें |
दिन में जागते जागते भी अपने जीवन में आगे बढने हेतु सपने लें एवं योजनायें बनाये |
फेक्टीरीर्यों में निर्मित खाद्द पदार्थों की जगह वनस्पतियों, पेड़ पोधों एवं खेत खलिहानों से प्राप्त प्राक्रतिक खाद्द पदार्थों का सेवन करें |
भरपूर मात्रा में सुबह का नास्ता करें, उचित मात्रा में लंच लें और हल्का फुल्का डिनर करें यानि सुबह का नास्ता एक बादशाह के समान, दोपहर का भोजन एक राजकुमार के समान एवं रात्री का भोजन भिखारी के समान करें |
दिन में पर्याप्त मात्रा में शुद्ध-स्वच्छ एवं निर्मल जल पीयें |
खुद हंसे और मुस्करायें | कोशिश करें कि प्रतिदिन आपके दुवारा कम से कम तीन-चार व्यक्तियों के चेहरों पर मुस्कराहट आये |
पुराने विवादों को भूल जायें | अपने जीवन साथी (पति/पत्नी ) और परिवारजन को उनकी पुरानी गलतियों की याद कभी भी नहीं दिलायें क्योंकि ऐसा करके आप अपने वर्तमान जीवन की खुशियों को बर्बाद कर रहे हैं |
भूलो और माफ़ करो के मन्त्र को अपनायें एवं अपनी गलतीयों के लिये दूसरों से माफी मागें और दूसरों की गलतीयों को भी सच्चे मन से माफ़ करें |
अगर आपका लाडला कोई गलती करे तो उस वक्त मुस्कराते हुए चुप रहें और कुछ समय बाद उसके दुवारा की गई गलती के बारे में उससे बात करें, उसे सही बात समझायें और उसके मार्ग प्रदर्शक बनें |
जीवन में यदा कदा अप्रिय एवं अवांछित घटनायें होती ही हैं एवं इनमें से कुछ पर आपका कोई नियन्त्रण नही होता है इसीलिए इनके बारे में ना तो सोचें और ना ही मन में नकारात्मक भाव लायें क्योंकि ऐसा कर अपनी खुद की उर्जा को नष्ट कर रहे हैं इसलिये इस के बजाय आपके साथ घटित सकारात्मक घटनाओं एवं सकारात्मक क्षणों को याद करें और उनका आनन्द लें |
इस सत्य को मान कर चलें कि जीवन एक स्कूल है जहाँ पर हम रोज नयी नयी चीजें सीखते हैं, जीवन में समस्याएं आती है और जाती हैं एवं समयानुसार उनका समाधान भी निकल जाता है | ये परेशानियाँ और समस्याएं समय के साथ मिट भी जाती हैं किन्तु ये हमें भविष्य के लिये पाठ जरुर सिखाती है |
याद रक्खें कि हमें मानव जीवन मुश्किल से मिला है इसलिये दूसरों के प्रति घ्रणा-दवेष रख कर अपने ही जीवन को बर्बाद नही करें |
किसी के प्रति ईर्ष्या एवं डाह की भावना नहीं रक्खे क्योंकि आपके पास वे सब सुख-सुविधाये उपलब्ध हैं जिनकी आप को जरूरत हैं |
हर घटना को गम्भीरता से नहीं लें |
यह जरूरी नहीं है कि आप हर वादविवाद या तर्क में हमेशा ही विजयी ही हो इसलिये जीवन में agree to disagree के नियम को अपनायें एवं हर परिस्थती को सहजता से लें | जो हो गया है उसे शांती से स्वीकार कर लें ताकि आपका वर्तमान खराब नहीं हो |
याद रक्खें कि आपकी की खुशी और तकलीफ के लिये सिर्फ और सिर्फ आप खुद ही जिम्मेदार हैं |
कोई आप के बारे में क्या सोचता है इसकी आप चिता नहीं करें क्योंकि उसकी सोच उसके साथ और आपकी सोच आपके साथ |
कभी भी चिल्ला कर तेज आवाज में नहीं बोलें, मधुर और म्रदुल वाणी बोलें | चिल्ला कर बोलने से हम खुद की उर्जा का विनाश करते हैं |
जिस प्रकार मोसम बदलता है उसी तरह आपके जीवन की पीड़ादायक स्तिथीयां भी समय के साथ जरुर बदलेगी |
अपने मित्रों एवं परिवारजन के सम्पर्क में रहें एवं उनसे सोहार्द पूर्ण रिश्ते बनाये क्योंकि आपके दोस्त और परिवारजन ही मुसीबतों के वक्त आपकी मदद करेगें |
गेर जरूरी एवं फालतू चीजें जो आनन्ददायक और खुशी देने वाली नहीं हो उनसे अपने आप को कोसों दूर रक्खें |
आपकी अंतरात्मा पवित्र एवं प्रसन्न है इसीलिए आप भी खुश और प्रसन्न रहें |
जो भी जब कभी भी आपकी सहायता एवं आपके हितार्थ तनिक भी कार्य करे तो उसकी खुल्ले मन से प्रसंशा करें और उसे धन्यवाद भी दें |
विश्वास रक्खें कि आपके जीवन का सर्वोत्तम समय शीघ्र ही आने वाला है |
आपका मुड कैसा भी हो अपने कर्तव्यों एवं कार्यों के प्रति सजग रहें और अपनी प्रतिभा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें |
हमेशा सही कार्य करें एवं सभी नियमों का पालन करें |
आप प्रयास करें कि आपका हर नया दिन दूसरों के लिये भी खुशीयाँ लाने वाला बने |
महत्वकांक्षी बने किन्तु अतिमहत्वकांक्षी नहीं बने, अपनी सीमाओं को ध्यान में रक्खें |
प्रतिदिन संध्या या सोने से पूर्व 10 मिनिट एकाग्र मन के एकांत में शांत बैठे रहें |

डा. जे. के. गर्ग
सन्दर्भ—-मेरी डायरी,संतो के प्रव्रचन, इसा योगा फाउंडेशन आदि

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