डा. जे.के.गर्गइन सच्चाईयों को याद रक्खें कि नदी खुदका पानी नहीं पीती है, पेड़ कभी भी अपने फलों का सेवन नहीं करते है, फूल कभी भी अपनी खुशबु का आनन्द नहीं उठाते हैं, सूर्य कभी भी अपनी रोशनी से खुद को रोशन नहीं करता हैं उसी प्रकार जीवन का असली आनंद दूसरों को आनंदित रखने ओर उन्हें खुश करने से मिलता हैं | भय को करें अपने जीवन से अलविदा, भयu की छाया में नहीं जियें | गांधीजी की बात का अनुसरण करें बुरा नहीं करें, बुरा नहीं देखें, बुरा नहीं सुने, बुरा नहीं सोचें | समय के अनुसार अपने अनुभवों को दूसरों के साथ शेयर एवं साँझा करें | भूलो और माफ़ करो को अपने जीवन का आदर्श बनायें | अपनी सोच एवं विचारों- निर्णयों को दूसरों पर थोपने की कोशिश नहीं करें | किसी से कोई अपेक्षा नहीं रक्खें वही कभी भी किसी की उपेक्षा नहीं करें | अपने जीवन साथी, बच्चों, मित्रों, आसपास के लोगों को वो जैसे हैं उसी रूप में स्वीकार करें | खुशी प्राप्त करना आप का जन्मसिद्ध अधिकार है, खुश रहें | उत्तम स्वास्थ्य भी आपका अधिकार है, स्वस्थ रहें |
समय के साथ-साथ अपने आपको परिव्रतित करें क्योंकि परिवर्तन ही जीवन है | परिवर्तन को सहज मन से स्वीकारें तथा उसका भरपूर आनंद लें | शिक्षा प्राप्ति के लिये कोई भी उम्र बाधक नहीं होती है | आधुनिक ज्ञान को सीखने की कोशिश करतें रहें | नवीन शोध के परिणामों के अनुसार नई टेक्नोलॉजी, इन्टरनेट आदि बुजुर्गों के अकेलेपन को दूर करने में उपयोगी होती है। आधुनिक सोशल नेटवर्क का उपयोग नवीनतम जानकारीयाँ और ज्ञान हासिल करने के लिये करें |
डा. जे.के. गर्ग, सन्दर्भ—मेरी डायरी के पन्ने, विभिन्न संतों के सत्संग, मेंडी ओकलेंडर आदि |