धन्यवाद कहना सीखीये – Part 4

डा. जे.के.गर्ग
डा. जे.के.गर्ग
धन्यवाद दें उन मित्रों-स्वजनों को जिन्होंने आपको आपकी समझ के हिसाब से मन मुताबिक न्यायोचित काम करने के लिए प्रेरित किया एवं साथ में यह भी समझाया कि आपके काम से किसी का अहित नहीं हो|
धन्यवाद दें उन मित्रों-स्वजनों को जिन्होंने आपको आपसे जैसे आप हैं ऐसे ही बने रह कर अपने दायित्वोंजो को पूरा करने के लिये कहा था ।
धन्यवाद दें उन मित्रों-स्वजनों को जिन्होंने आपको आपसे अपने स्वजनों,मित्रों,पासपड़ोसीयों को जैसे वे हैं उसी रूप में स्वीकार करने की सलाह दी थी|
धन्यवाद दें उन मित्रों-स्वजनों को जिन्होंने आपको भूल जाओ और माफ़ करने की निती अपनाने की सलाह दी थी|
धन्यवाद दें उन मित्रों-स्वजनों को जिन्होंने आपको चिंता के स्थान पर चिन्तन करने की सलाह दी थी|
धन्यवाद दें उन मित्रों-स्वजनों को जिन्होंने आपको जीवन में सबको साथ लेकर काम करने की सलाह दी थी | डा.जे.के.गर्ग,
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