गणेशजी ने अपने वाहन के रूप में मूषक का ही क्यों चयन किय ?
मन में सवाल पैदा होता है कि भगवान गणेशजी ने निक्रष्ट माने जाने वाले चूहे (मूषक) को ही अपना वाहन क्यों चुना ? सभी देवी-देवता गणेशजी की बुद्धीमता के कायल हैं, तर्क-वितर्क में हर देवी-देवता गणेशजी से हार जाते थे | प्रत्येक समस्या के मूल (तय) में जाकर उसकी मीमांसा एवम् विवेचना कर उसका तर्कसंगत हल खोजना उनकी विशेषता है | इसी सन्दर्भ में यह भी उल्लेखनीय है कि चूहा भी तर्क-वितर्क में किसी से पिछे नहीं रहता है, चूहे का काम हर किसी भी वस्तु को कुतर डालना है | जो भी वस्तु या चीज चूहे को दिखाई देती है, चूहे महाराज उसकी चीर फाड़ करके उसके प्रत्येक अंगो का विस्तृत विश्लेष्ण सा कर देता है,अत: संभवत गणेशजी ने चूहे के इन्हीं गुणों को देख कर चूहे को अपना वाहन चुना होगा |
प्रस्तुती—-डा.जे. के.गर्ग
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