क्यों किया जाता है गणपति विसर्जन?

डा. जे.के.गर्ग
डा. जे.के.गर्ग
गणपतिबप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ इस नारे के साथ देश मेंजगह-जगह गणपति की मूर्ति विसर्जित की गई। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी से अगले 10 दिन तकगणपति को वेद व्यास जी ने भागवत कथा सुनाई थी। इस कथा को गणपति जी ने अपने दांत सेलिखा था। दस दिनतक लगातार कथा सुनाने के बाद वेद व्यास जी ने जब आंखें खोली तो पाया कि लगातार लिखते-लिखते गणेश जी का तापमान बढ़ गया है। वेद व्यास जी ने फौरन गणेश जी को पास के कुंड में ले जाकर ठंडा किया। इसीलिए भाद्र शुक्ल चतुर्थी को गणेश स्थापना की जातीहै। और भाद्र शुक्ल चतुर्दशी यानी अनंत चतुर्दशी को शीतल जल में विसर्जन किया जाताहै।
गणेशजी ने अपने वाहन के रूप में मूषक का ही क्यों चयन किय ?
मन में सवाल पैदा होता है कि भगवान गणेशजी ने निक्रष्ट माने जाने वाले चूहे (मूषक) को ही अपना वाहन क्यों चुना ? सभी देवी-देवता गणेशजी की बुद्धीमता के कायल हैं, तर्क-वितर्क में हर देवी-देवता गणेशजी से हार जाते थे | प्रत्येक समस्या के मूल (तय) में जाकर उसकी मीमांसा एवम् विवेचना कर उसका तर्कसंगत हल खोजना उनकी विशेषता है | इसी सन्दर्भ में यह भी उल्लेखनीय है कि चूहा भी तर्क-वितर्क में किसी से पिछे नहीं रहता है, चूहे का काम हर किसी भी वस्तु को कुतर डालना है | जो भी वस्तु या चीज चूहे को दिखाई देती है, चूहे महाराज उसकी चीर फाड़ करके उसके प्रत्येक अंगो का विस्तृत विश्लेष्ण सा कर देता है,अत: संभवत गणेशजी ने चूहे के इन्हीं गुणों को देख कर चूहे को अपना वाहन चुना होगा |
प्रस्तुती—-डा.जे. के.गर्ग
सन्दर्भ:— विभिन्न पत्र पत्रिकाये,मेरी डायरी के पन्ने, विकीपीडिया,गूगल सर्च आदि Please visit our blog—–gargjugalvinod.blogspot.in

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