कब से मनाई जा रही है दिवाली ?

डा. जे.के.गर्ग
दिवाली कब से मनाई जा रही इसके बारे कोइ निश्चित एवं प्रमाणिक जानकारी तो उपलब्ध नहीं है किन्तु ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में रचित कौटिल्य अर्थशास्त्र के अनुसार कार्तिक अमावस्या के अवसर पर मंदिरों और घाटों (नदी के किनारे) पर बड़े पैमाने पर दीप जलाए जाते थे। इतिहास के शोधकर्ताओं के अनुसार 500 ईसा वर्ष पूर्व मोहनजोदड़ो सभ्यता में खुदाई के दौरन मिट्टी की एक मूर्ति में देवी के दोनों हाथों में दीप जलते दिखाई देते हैं। जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस वक्त भी दीपावली का पर्व मनाया जाता था। सच्चाई तो यही है कि मुसलमान भी दिवाली उल्लास के साथ मनाते थे | दीन-ए-इलाही के प्रवर्तक मुगल बादशाह अकबर के शासनकाल में दौलतखाने के सामने 40 गज ऊँचे बाँस पर एक बड़ा आकाश दीप दीपावली के दिन लटकाया जाता था। बादशाह जहाँगीर भी दीपावली धूमधाम से मनाते थे। मुगल वंश के अंतिम सम्राट बहादुर शाह जफर दीपावली को त्योहार के रूप में मनाते थे और वे इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेते थे। शाह आलम द्वितीय के समय में समूचे शाही महल को दीपों से सजाया जाता था एवं लाल किले में आयोजित कार्यक्रमों में हिन्दू-मुसलमान दोनों भाग लेते थे।पंजाब में जन्मे स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुआ। इन्होंने दीपावली के दिन गंगातट पर स्नान करते समय ‘ओम’ कहते हुए समाधि ले ली। नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, सूरीनाम, कनाडा, गुयाना, केन्या, मॉरिशस, फिजी, जापान, इंडोनेशिया, मलेशिया,म्यांमार, सिंगापुर, श्रीलंका, अमेरीका, दक्षिण अफ्रीका, तंजानियां, ट्रिनीडाड, टोबैगो, जमैका, थाईलैंड, आस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात आदि में हर्षोल्लास एवं उत्साह से मनाया जाता है जिसमे जिसमें भारतीयों के साथ वहां के मूलनिवासी भी भाग लेते हैं | दीपावली का संदेश पूरी दुनिया से दारिद्र्य, अज्ञान, अनाचार, कुंठा एवं वैरभाव को मिटा कर उसकी जगह समृद्धि, सुख-सुविधा, ज्ञान, सदाचार,स्वास्थ्य, भ्रातृत्व एवं आनंद की स्थापना करने का ही है |

मारवाड़ीयों के लिये नया साल दिवाली:––मारवाड़ी कार्तिक की कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन पर दीवाली पर अपने नए साल का उत्सव मनाते हैं एवं नये बही खाते प्रारम्भ करते हैं।
गुजरातियों के लिए नया साल दिवाली:––गुजराती भी कार्तिक के महीने में शुक्ल पक्ष के पहले दिन दीवाली के एक दिन बाद अपने नए साल का उत्सव मनाते है।
फसलों की कटाई का त्यौहार दीवाली:—दीवाली शुरुआत में फसलों की कटाई के उत्सव के रुप में मनाई जाती थी। यह वह समय है जब भारत में किसान फसल काटकर संपत्ति और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और उन्हें नई फसल में से उनका हिस्सा समर्पित करते हैं।

प्रस्तुतिकरण —- डा. जे. के. गर्ग

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