जानिये हमारे गणतन्त्र दिवस का इतिहास और महत्व

डा. जे.के.गर्ग
15 अगस्त 1947 को भारत के आजाद हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से आरम्भ कर दिया | संविधान सभा ने 2 साल, 11 महीने, 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवम्बर 1949 को भारत का संविधान सुपूर्द किया, इसलिए 26 नवम्बर दिवस को भारत में संविधान दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है | कई सुधार और बदलाव के बाद सभा के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किए. इसके दो दिन बाद संविधान 26 जनवरी को यह देश भर में लागू हो गया | 26जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए इसी दिन संविधान निर्मात्री सभा (कांस्टीट्यूएंट असेंबली) द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता प्रदान की गई | आज ही के दिन साल 1950 में भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था | संविधान सभा की ओर से संविधान अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को संविधान को समस्त देश में लागु कर दिया गया | मन में स्वाभिक सवाल उत्पन्न होता है क्यों भारतीय संविधान को लागु करने के लिये 26 जनवरी को चुना गया ? 26 नवम्बर 1949 को भारतीय1929 में लाहौर में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ, जिसमें प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई कि अगर अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमीनियन का पद नहीं प्रदान करेगी, जिसके तहत भारत ब्रिटिश साम्राज्य में ही स्वशासित एकाई बन जाता, तो भारत अपने को पूर्णतः स्वतंत्र घोषित कर देगा | 26 जनवरी 1930 तक जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं किया तब कांग्रेस ने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ किया | सच्चाई तो यही है कि 26 जनवरी 1930 को ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था, इसी कारण से गणतन्त्र दिवस के लिये 26 जनवरी के दिन को चुना गया |

भारतवर्ष में प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है | गणतंत्र दिवस, भारत का राष्ट्रीय पर्व है, जिसे प्रत्येक भारतवासी पूरे उत्साह, जोश और सम्मान के साथ मनाता है। 26जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह पर भारत के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्वारा भारतीय राष्ट्र ध्वज तिरगें को फहराया जाता हैं | इस अवसर पर प्रति वर्ष भव्य परेड इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन (राष्ट्रपति के निवास) तक राजपथ पर राजधानी, नई दिल्ली में आयोजित की जाती है | इस भव्य परेड में थल सेना के विभिन्न रेजिमेंट, वायुसेना, नौसेना आदि सभी भाग लेते हैं | प्रति वर्ष परेड प्रारंभ करते हुए भारत के प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति जो राजपथ के एक छोर पर इंडिया गेट पर स्थित है पर पुष्प माला अर्पित करते हैं और उसके बाद शहीद सैनिकों की स्मृति में दो मिनट मौन रखा जाता है | गणतन्त्र दिवस पर प्रधानमंत्री विशिष्ट सम्मानित अतिथियों के साथ राजपथ पर स्थित मंच तक आते हैं, राष्ट्रपति बाद में अवसर के मुख्य अतिथि के साथ आते हैं | परेड में विभिन्न राज्यों की भव्य और मनमोहक झांकियां भी होती हैं, प्रदर्शनी में हर राज्य के लोगों की विशेषता, उनके लोक गीत व कला के आकर्षक दृश्यचित्र प्रस्तुत किये जाते है | खास तौर से सरकारी संस्थानों एवं शिक्षण संस्थानों में इस दिन ध्वजारोहण, झंडा वंदन करने के पश्चात राष्ट्रगान जन-गन-मन का गायन होता है और देशभक्ति से जुड़े विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। देशाक्ति गीत, भाषण, चित्रकला एवं अन्य प्रतियोगिताओं के साथ ही देश के वीर सपूतों को याद भी किया जाता है और वंदे मातरम, जय हिन्दी, भारत माता की जय के उद्घोष के साथ पूरा वातावरण देशभक्ति से ओतप्रोत हो जाता है।

बच्चों में इस दिन को लेकर बेहद उत्साह होता है। इस दिन आयोजि कार्यक्रमों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थ‍ियों का सम्मान एवं पुरस्कार वितरण भी किया जाता है और मिठाई वितरण भी विशेष रूप से होता है।

प्रस्तुतिकरण डा. जे. के. गर्ग

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