शहीद दिवस ( Martyrs Day)

डॉ. जे.के.गर्ग
जिन महापुरुषों ने हिन्दुस्थान की आजादी और भारतवंशीयों के कल्याण एवं उत्थान हेतु अपने प्राणों की बलि दे दी थी उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिये हमारे मुल्क में शहीद दिवस बनाया जाता है | ध्यान देने लायक सच्चाई तो यही है कि वो लोग जो वाकई इतिहास को बनाते हैं वहीं शहीद कहलाने के हकदार होते हैं | यह भी महत्वपूर्ण सच्चाई है कि ह्त्याचारी शासक के मरते ही उसका शासन भी खत्म हो जाता है, किन्तु दूसरी तरफ शहीद के मरते ही जनमानस के ह्रदय में उसका शासन प्रारम्भ हो जाता है।

डा. जे.के.गर्ग
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी जन्म से तो बनिया थे लेकिन वो खुद का धर्म इंसानियत को ही मानते थे। बापूजी अहिसां के पुजारी थे और अहिंसा को आजादी पाने के लिये सबसे अच्छा हथियार मानते थे । इस वर्ष 30 जनवरी 2019, बुधवार को उनकी स्म्रति में शहीद दिवस मनाया जायेगा। भारत में शहीद दिवस के दिन समस्त शहीदों के बलिदान को याद करते हुयें उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।

हमारे मन में और विशेष करके युवा पीढ़ी के मन में सवाल उत्पन्न होता है कि भारत में 30 जनवरी को क्यों शहीद दिवस मनाया जाता है ?

30 जनवरी 1948 की शाम को जब बापूजी अपनी नियत प्राथना सभा में जा रहे थे तब हिन्दू चरमपन्थी नाथूराम गोड़से ने महात्मा गाँधी को गोली मारकर हत्या कर दी थी तब तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरूजी ने कहा “ देश का दीपक बुझ गया है” गांधीजी की स्म्रति में भारत सरकार ने 30 जनवरी को शहीद दिवस के रुप में घोषित कर दिया था | तभी से महात्मा गाँधी को श्रद्धंजलि देने के लिये हर वर्ष 30 जनवरी को शहीद दिवस मनाया जाता है। प्रतिवर्ष 30 जनवरी को प्रातकाल 11 बजे सारे राष्ट्र में सायरन बजाया जाता है , तब अविलम्ब सारे नागरिक जहाँ कई भी वो हो 2 मिनट के लिये मौन रहकर शहीदों के प्रति कृतज्ञता प्रगट करते है । दो मिनट के बाद 11.02 बजे वापस सायरन बजता है और लोग अपना काम वापस प्रारम्भ कर देता है | इस दिन, भारत के राषट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और जल, थल एवं नभ सेना के प्रमुख राजघाट पर बापू की समाधि पर फूलों की माला के माध्यम से श्रद्धांजलि देते है । शहीदों को सम्मान देने के लिये अंतर-सेवा टुकड़ी और सैन्य बलों के जवानों द्वारा इसके बाद एक सम्मानीय सलामी दी जाती है। इस दिन, भारत के राषट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और जल, थल एवं नभ सेना के प्रमुख राजघाट पर बापू की समाधि पर फूलों की माला के माध्यम से श्रद्धांजलि देते है । शहीदों को सम्मान देने के लिये अंतर-सेवा टुकड़ी और सैन्य बलों के जवानों द्वारा इसके बाद एक सम्मानीय सलामी दी जाती है।

30 जनवरी के अतिरिक्त 23 मार्च,13 जुलाई , 17 नवम्बर और 19 नवम्बर को देश के विभन्न राज्यों में शहीद दिवस मनाया जाता है | 23 मार्च को भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरू को अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया गया था, उनकी स्मृति में देश के कई प्रान्तों में शहीद दिवस मनाया जाता है | 13 जुलाई 1931 को कश्मीर में राजा हरि सिंह की अंग्रेजी सैनिकों ने लोगों की हत्या कर दी थी | इस भयावह घटना चक्र में 22 लोग मारे गये थे | उन 22 लोगों की याद में हर वर्ष 13 जुलाई को, जम्मू और कश्मीर में शहीद दिवस के रूप में मनाय जाता हैं |

17 नवम्बर शेरे है पंजाब के नाम से प्रशिद्ध महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की मृत्यु “साइमन कमीशन” के विरूद्ध के प्रदर्शन करते समय अंग्रेजी पुलिस के लाठियों के प्रहार से हो गयी थी ( तब लालाजी नें कहा था मुझे मारी गई एक लाठी अग्रेंजो के राज्य के अंत और उनके केफीन पर एक एक कील का काम करेगी) | लाला लाजपत राय की पुण्यतिथि को मनाने के लिये उड़िसा में शहीद दिवस के रुप में 17 नवंबर के दिन को मनाया जाता है। झाँसी में (रानी लक्ष्मीबाई का जन्मदिवस) 19 नवंबर को भी शहीद दिवस के रुप में मनाया जाता है। ये उन लोगों को सम्मान देने के लिये मनाया जाता है जिन्होंने वर्ष 1857 की क्रांति के दौरान अपने जीवन का बलिदान कर दिया। प्रति वर्ष 21 अक्तूबर को देश भर में पुलिस विभाग पुलिस शहीद (Police’s Martyrs Day) दिवस बनाता है क्योंकि 21 अक्तूबर 1959 को भारत चीन सीमा पर चीनियों दुवारा अनेक पुलिसकर्मी मार डाले गये थे |

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