पितृपक्ष में नवीन कार्य और खरीददारी से होते हैं हमारे पितृ प्रसन्न

दयानन्द शास्त्री
श्राद्घ पक्ष को लेकर लोगों में यह गलत धारणा बनी हुई कि यह अशुभ समय होता है। इस दौरान कोई नई चीज नहीं खरीदनी चाहिए। इन दिनों नई चीज खरीदने से पितर नाराज होते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि पितर पक्ष में खरीदी गयी चीजें पितरों को समर्पित होता है जिसका उपयोग करना अनुचित है क्योंकि वह प्रेत का अंश होता है।पूर्वजों द्वारा किए गए त्याग के प्रति आदरपूर्वक कृतज्ञता निवेदित करना ही श्राद्ध कहलाता है। इन 16 दिनों में अनैतिक, आपराधिक, अमानवीय और हर गलत कार्य से बचना चाहिए ना कि शुभ और पवि‍त्र कार्यों से। अत : इन 16 दिनों यह भ्रम त्याग देना चाहिए कि यह दिन अशुभ हैं। बल्कि यह दिन सामान्य दिनों से अधिक शुभ हैं क्योंकि हमारे पूर्वज हमारे साथ हैं, हमें देख रहे हैं।

लोगों की इस धारणा के कारण पितृ पक्ष में व्यापार की गति धीमी पड़ जाती है। जबकि शास्त्रों में कहीं भी इस प्रकार का उल्लेख नहीं मिलता है कि श्राद्घ पक्ष में खरीदारनी नहीं करनी चाहिए।
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गलत मानसिकता/भ्रांति हैं पितृपक्ष के बारे में —
पितृपक्ष के इन 16 दिनों में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, उपनयन संस्कार, मुंडन, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं होते हैं। इतना ही नहीं, श्राद्ध पक्ष में नई वस्तुओं की खरीद को भी वर्जित किया गया है। इस मानते हैं कि इन 16 दिनों में नया मकान, वाहन आदि का क्रय नहीं करना चहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 16 दिनों तक चलने वाला पितृ पक्ष श्राद्ध का मृत्यु से संबंध होता है, इसलिए श्राद्ध पक्ष को शुभ नहीं माना जाता है। जिस प्रकार हम अपने परिजनों की मृत्यु पर शोकाकुल रहते हैं, शुभ और मांगलिक कार्यों नहीं करते हैं, ठीक वैसे ही पितृ पक्ष में होता है।
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अशुभ ओर अमंगलकारी नहीं पितृपक्ष —
श्राद्घ पक्ष को अशुभ मनाना उचित नहीं है क्योंकि श्राद्घ पक्ष गणेश चतुर्थी और नवरात्र के बीच आता है। हमारे समाज में यह बहुत बड़ी भ्रांति या गलतफहमी फैली हुई हैं की पितृपक्ष में शुभ कार्य या खरीददार नही करनी चाहिए।

शास्त्रों के अनुसार किसी भी शुभ काम की शुरूआत से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। इस आधार पर देखा जाए तो श्राद्घ पक्ष अशुभ नहीं है। श्राद्घ पक्ष में पितर पृथ्वी पर आते हैं और वह देखते हैं कि उनकी संतान किस स्थिति में हैं।

परिवार के पितर द्वारा उनकी संतान या वंशज द्वारा नई चीज खरीदने पर खुश होती है क्योंकि उन्हें पता चलता है कि उनकी संतान सुखी हैं।

ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी कहते हैं कि पितर पक्ष में नई चीज खरीदना शुभ तब नहीं होता है जब आप नई चीजें खरीदते हैं और उसमें मस्त हो जाते हैं। अपनी खुशियों के साथ पितरों का ध्यान भी करें तो श्राद्घ पक्ष में खरीदारी करने में कोई बुराई नहीं है। नई कार, बाईक, घर, ज्वैलरी आदि हमारी उन्नति और खुशी देख हमारे पूर्वज भी जरूर खुश होंगे और श्राद्ध का असली मकसद पूरा होगा वहीं दूसरी ओर कंपनियों द्वारा इस मौके दिये जाने वाले ढेरों ऑफर्स से भी फायदा हो जाएगा।
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पितरों का पृथ्वी पर आना अशुभ कैसे हो सकता है?

वे अब सशरीर हमारे बीच नहीं है किसी और लोक के निवासी हो गए हैं अत: वे पवि‍त्र आत्मा हैं। उनका सूक्ष्म रूप में आगमन हमारे लिए कल्याणकारी है। जब हमारे पितृ हमें नवीन खरीदी करते हुए देखते हैं तो उन्हें प्रसन्नता होती है कि हमारे वंशज सु्खी और संपन्न हैं। अगर हमारी समृद्धि बढ़ रही है तो ऐसे में उनकी आत्मा को भला क्यों क्रोध या क्लेश होगा?
श्राद्ध पक्ष पितरों की शांति और प्रसन्नता के लिए मनाया जाने वाला परंपरागत पर्व है। श्राद्ध के दिनों में खरीददारी करना एवं अन्य शुभ कार्य करना मंगलकारी एवं लाभदायक है। क्योंकि पितृ हमेशा गणेश आराधना और देवी पूजा के बीच में आते हैं। पितरों के आभासी उपस्थिति में यदि किसी वस्तु की खरीददारी की जाए तो उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। पितरों का आशीर्वाद अत्यधिक फलदायक रहता है।
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जमकर उठाएं श्राद्घ पक्ष मे खरीददारी का लाभ —

सभी क्षेत्र में व्यापार की गति बढ़ाने के लिए श्राद्घ पक्ष में व्यापारियों की तरफ से कई बेहतरीन ऑफर दिये जाते हैं। अगर आप इस ऑफर का लाभ उठाना चाहते हैं तो मन से सभी प्रकार के शंका आशंका ओर अशुभ विचारों को निकाल दीजिए और जमकर खरीदारी कीजिए। ऐसा हम इस आधार पर कह रहे हैं क्योंकि वैदिक ज्योतिष विज्ञान में कहा गया है कि शुभ मुहूर्त में खरीदारी करने से किसी प्रकार का दोष नहीं लगता है। पण्डित दयानन्द शास्त्री जी बताते हैं कि आप जिन चीजों की खरीदारी करते हैं उससे आपको सुख मिलता है और उन चीजों में वृद्घि होती है।इसके विषय में कहा जाता है कि इस योग में जो भी काम किया जाता है उसमें वृद्घि होती है। इन शुभ मुहूर्त में आप अपनी चाहत के अनुसार खरीदारी कर सकते हैं।ऐसा करने से पित्र प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
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जानिए वर्ष 2019 में श्राद्घ पक्ष के शुभ मुहूर्त–
इस वर्ष श्राद्घ पक्ष के दौरान कई शुभ मुहूर्त बने हुए हैं जिसमें खरीदारी करना आपके लिए सुखद रहेगा।

ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार इस वर्ष श्राद्ध के 15 दिनों में से सात दिन खरीदारी के लिए विशेष योग बन रहे हैं।

16 सितंबर 2019 को सुबह 7:38 मिनट तक रवि योग, 18 को दिनभर सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा जो दूसरे दिन सूर्योदय के पहले तक रहेगा।

वहीं 21 सितंबर 2019 को रवि योग सूर्योदय से शाम 6:10 बजे तक बन रहा है। 22 को रवि योग सूर्योदय से शाम 4:32 बजे तक रहेगा।

24 सितम्बर 2019 को रवि योग भी होने से यह दिन खरीदारी एवं नया काम शुरू करने के लिए भी उत्तम है।

25 सितम्बर को सर्वार्थसिद्धि योग और 26 को दोपहर 3:03 तक रहेगा। 27 सितम्बर 2019 को सुबह 6:21 से शाम 4 बजे तक सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा।

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