आओ याद करें राष्ट्रपिता बापू के जीवन की कुछ अविस्मरणीय घटनाओं को पार्ट 4

dr. j k garg
जब किसी ने बापूजी के मुहं पर थूका तो वे बोले एक ने तो अपना गुस्सा थूका भले ही मेरे मुंह पर ही क्यों न थूका हो।
बात भारत-पाकिस्तान बटवारे के दौरान की है, जब देश में हिन्दू-मुस्लिम दंगे हो रहे थे। तब बापू दंगे शांत कराने को बंगाल गए थे वहां पर आक्रोशित मुसलमान भाइयों को जब गांधी जी समझाने का प्रयास कर रहे थे तो एक मुसलमान ने गांधी जी के मुंह पर थूक दिया। ऐसा देख कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं ने उसे पकड़ा तो गांधी जी ने कहा कि इन लोगों में गुस्सा है और मुझे ख़ुशी है कि किसी एक ने तो अपना गुस्सा थूका भले ही मेरे मुंह पर ही क्यों न थूका हो। इतना सुनकर वह मुस्लिम युवक उनके पैरों पर गिर पड़ा और वहां हो रहे दंगे कम हुए।
बापूजी ने विभिन्न आन्दोलनों के दोरान करीब 79000 किलोमीटर पदयात्रा की और करीब एक करोड़ शब्द लिखे
पैदल चलना व्यायम का राजा है
महात्मा गांधीमानते थे कि पैदल चलना व्यायाम का राजा है, इसलिए वे बहुत लंबी दूरी के लिए भी किसी साधन की बजाय पैदल चलने को तरजीह देते थे। वे अपने पूरे जीवन में औसतन रोज 18 किलोमीटर पैदल चले। इतनी पैदल यात्रा में तो वे दो बार धरती का चक्कर लगा सकते थे! 1913 से 1938 तक विभिन्न आंदोलनों के दौरान 25 वर्षों में वे करीब 79,000 किलोमीटर पैदल चले। देश केलिए चालीस साल के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान गांधीजी ने करीब 1 करोड़ शब्द लिखे यानी रोज करीब 700 शब्द। उन्होंने मूल रूप से सात किताबें लिखीं और भगवद गीता का गुजराती में अनुवाद किया।

डा. जे. के. गर्ग

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