भगवान विष्णु के धरती पर हर रूप के साथ माता लक्ष्मी भी अवतरित होती है Part 2

माता लक्ष्मी के विभिन्न नाम

dr. j k garg
लक्ष्मीजी को हजारों नाम से जाना जाता है | उनके कई नाम कमल के फूल से जुड़े हैं, जेसे—-पद्मा (कमल पर निवास करने वाली); कमला (कमल पर निवास करने वाली) ; पदम्प्रिया (कमल को प्यार करने वाली); पद्ममालाधरा देव(कमल के फूलों की माला धारण करने वाली) ; पद्ममुखी(कमल के समान सुंदर मुख वाली); पद्माक्ष (जिसके नेत्र कमल के समान सुंदर हैं ); पद्महस्ता(जो हाथों मे कमल लिए हुए है) ; पद्मसुंदर( जो कमल के समान सुंदर है) आदि आदि | माता लक्ष्मी के कई अन्य नाम भी प्रचलित हैं जैसे भार्गवी (जो ऋषी भ्रिगुजी की पुत्री है), श्रीदेवी (धन की देवी), चंचला (चलायमान, भुमी देवी (धरती माँ), इंदिरा (सुन्दरता की देवी, रमादेवी/ वैष्णवी (भगवान विष्णु की जीवन संगनी),जलजा( समुद्र से उत्पन्न ),
ऐस्वर्या(धन की देवी), रोमा (भगवान हरि की जीवन संगनी) |

विष्णु पुराण मे माता लक्ष्मी का वर्णन
विष्णु पुराण के अनुसार लक्ष्मीजी भृगु और ख्याति की पुत्री थी, भृगु और ख्याति स्वर्ग मे रहते थे | दुर्वाषा ऋषि के श्राप के कारण उन सबने स्वर्ग छोड़ दिया ओर क्षीरसागर को अपना घर बनाया | समुद्र मंथन के समय लक्ष्मीजी पुनः प्रगट हुई और उनकी शादी भगवान विष्णु के साथ हुई | लक्ष्मीजी ही भगवान विष्णु की शक्ति एवं माया हैं | कुछ जगहों पर लक्ष्मीजी के दो रूपों (भूदेवी ओर श्रीदेवी) की मुर्तिया भी स्थापीत भी की गयी है | लक्ष्मीजी की भूदेवी ओर श्रीदेवी के रूपों की मूर्ती विष्णु भगवान के अगल-बगल मे होती है | भूदेवी जीवन दायी धरती माता का रूप है वहीँ पर श्रीदेवी धन-धान्य एवं बुद्धी प्रदान करने वाली हैं, दोनों ही भगवान विष्णु के साथ ही रहती हैं कुछ लोग इनको अलग –अलग समझते हैं, वास्तव मैं दोनों लक्ष्मीजी के ही रूप हैं |

सनातन संस्कृति मे माता लक्ष्मी की छवी
माता लक्ष्मीजी को अत्यंत प्रियशील सुंदर कमल के फूल पर विराज मान, भव्य हीरे-जवाराहत धारण किये हुए एवं सुंदर परिधान युक्त चार भुजा वाली देवी के रूप मे पहचाना जाता है | माता के मुख मंडल से प्यार,शांती की आभा झलकती रहती है माता लक्ष्मी का वाहन उल्लू है, उल्लू दिन मे सोता है ओर रात मे जगता है|

प्रस्तुतिकरण—–डा,जे.के.गर्ग

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