सच्चाई यह भी है की वर्तमान में कलियुग और भोतिकतावादी समय में साधारणतया करोडपति धनधान्य से सम्पन्न लोग वहीं होते है जो शास्त्रीय मान्यताओं के विपरीत घोर तामसी प्रवतियों में लिप्त होते हैं यानि गेरकानुनी तरीके से काम करते है यानि भ्रष्टाचार धोखाधड़ी झूट फरेब में लिप्त होते है | यह भी कटु सत्य है की आजकल सत्यनिष्ट ईमानदार कर्तव्यनिष्ट स्त्री पुरुषों का जीवन कष्टमय होता है और वो अपनी आमदनी से मुश्किलों में अपना जीवन जीते हैं | आज के समय में अनपढ़ लम्पट आदमी सत्ताधारी बन जाता है और बुद्धीजीवी ईमानदार लोगों पर शासन करता है यही नहीं उनका अपमान भी करता है | वर्तमान समय मे यह भी देखा जा रहा है समाज को बाटंने वाले परस्पर वैमनस्य फेलाने वालों पर भी धन की वर्षा होती है | शायद यह कलयुगी लक्ष्मी की माया है | किन्तु यह भी सच्चाई है कि प्रक्रति ऐसे धनाढ्यों को देर सबेर उनकेकुक्र्त्यों की सजा जरुर देती है क्योंकि भगवान के घर पर देर हो सकती है पर अंधेर नहीं |
प्रस्तुतिकरण—डा. जे. के. गर्ग