गुरु नानक देवजी पार्ट 1

dr. j k garg
गुरु नानक जंयती पूरे देश में कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है |गुरु नानक के जन्मदिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है | गुरु नानक सिखों के आदि गुरु हैं |गुरु नानक देवजी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा,संवत्‌ 1526 के दिन हुआ था | देश भर में इस दिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है | कुछ इतिहासकार एवं विद्वान गुरु नानक की जन्मतिथि 15 अप्रैल, 1469 मानते हैं | नानक जी का जन्म रावी नदी के किनार स्थित तलवंडी नामक गांव खत्रीकुल में हुआ था | तलवंडी का नाम आगे चलकर नानक के नाम पर ननकाना पड़ गया था | गुरु नानक देव के पिता का नाम मेहता कालू और माता का नाम तृप्ता देवी था | नानक देव जी की बहन का नाम नानकी था | गुरु नानक बचपन से सांसारिक विषयों से उदासीन रहा करते थे | और उनका अधिकाशं समय आध्यात्मिक चिंतन और सत्संग में व्यतीत होता था | गुरु नानकदेव महान सामाजिक सुधारक थे उन्होनें सिख धर्म की स्थापना की थी | गुरु नानकदेवजी को सिखों के आदिगुरु माना हैं | सच्चाई तो यही है कि गुरु नानक देव जी दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त थे | वे विश्वबंधुत्व में विश्वास करते थे और उनमें सच्ची मानवता के सभी गुण मोजूद थे | उनके बचपन के समय में कई चमत्कारिक घटनाएं घटी जिससे जनसाधारण उन्हें दिव्य व्यकित्व का स्वामी मानते थे, वे वास्तव में आलोलिक श्रेणी के संत महापुरुष थे | गुरु नानक ने बचपन से ही रूढ़िवादिता के विरुद्ध संघर्ष की शुरुआत कर दी थी | वे धर्म प्रचारकों को उनकी खामियां बतलाने के लिए अनेक तीर्थस्थानों पर पहुंचे और लोगों से धर्मांधता से दूर रहने का आग्रह किया |

Dr J.K. Garg

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