1965 के भारत पाकिस्तान के युद्ध के समय इन्दिराजी सेन्य अधिकारियों की चेतावनी के बावजूद घायलों की देखभाल करने एवं सैनिकों के उत्साहवर्धन हेतु युद्ध क्षेत्र में पहुंच गई |
अपने राजनैतिक कार्यकाल में उन्होंने कई बड़े फेसले किये | इंदिराजी ने देश के महत्त्वपूर्ण 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया ताकि बैंक सरकार की आर्थिक नीति के अनुसार आचरण कर सकें, राष्ट्रीयकरण के बाद सामाजिक प्रगति के काम प्रारम्भ होने लगे। मध्यम वर्ग तथा अल्प मध्यम वर्ग के लोगों को रोज़गार परक ऋण मिलने का मार्ग साफ़ हो गया। इंदिरा गाँधी ने अगस्त 1970 में भूतपूर्व राजा-महाराजाओं को जो बड़ी राशि प्रीविपर्स के रूप में मिलती आ रही थी, उसकी समाप्ति की घोषणा कर दी। इंदिराजी ने भूमि हदबंदी योजना को पूरी शक्ति के साथ लागू किया गया। इससे ग़रीब किसानों को अच्छा लाभ मिला। इंदिरा गाँधी ने ‘ग़रीबी हटाओं’ के नारे के साथ समाजवादी सिद्धांतों के अनुरुप चुनावी घोषणा पत्र तैयार कराया ‘ग़रीबी हटाओ’ का नारा लोकप्रिय साबित हुआ। उनके पूर्ववर्ती लोकहित कार्यों की पृष्ठभूमि ने भी चमत्कारी भूमिका निभाई। इन क़दमों के कारण जनता के मध्य इंदिरा गाँधी की एक सुधारवादी प्रधानमंत्री की छवि क़ायम हुई और उनकी लोकप्रियता का ग्राफ़ शिखर पर पहुंच गया | युद्ध हो या विपक्ष की नीतियाँ हों अथवा, कूटनीति का अंतर्राष्ट्रीय मैदान हो इंदिरा गाँधी ने स्वयं को सफल साबित किया था। 1971 के नवम्बर माह तक पूर्वी पाकिस्तान केएक करोड़ शरणार्थी भारत में प्रविष्ट हो चुके थे। इन शरणार्थियों की उदर पूर्ति करना तब भारत के लिए एक समस्या बन गई थी। ऐसी स्थिति में भारत ने पाकिस्तान की पूर्वी पाकिस्तान केअन्दर बर्बरता के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवता के हित में आवाज़ बुलंद की, इसे पाकिस्तान ने अपने देश का आंतरिक मामला बताते हुए पूर्वी पाकिस्तान में घिनौनी सैनिक कार्रवाई जारी रखी। छह माह तक वहाँ पाकिस्तान का दमन चक्र चला।
Dr J.K. Garg