होलिका दहन शुभ मुहूर्त में किया जाता है। भद्रा के समय में होलिका दहन नहीं किया जाता है। इस बार रविवार दोपहर 1 बजे तक भद्रा समाप्त हो जाएगी। जिस कारण प्रदोष काल शाम के समय 6 बजकर 37 मिनट से 8 बजकर 56 मिनट के बीच होलिका दहन कर सकते हैं। वहीं होलिका दहन के दिन शुभ योगों में से सर्वोत्तम योग सर्वार्थ सिद्धी योग भी लगा हुआ है।
होली मनाने का कारण:
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शास्त्रों के अनुसार हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था, लेकिन हिरण्यकश्यप को अपने बेटे की ये बात बिल्कुल अच्छी नहीं लगती थी। भगवान विष्णु की भक्ति से हटाने के लिए उसने अपने पुत्र प्रह्लाद को कई तरह की यातनाएं दीं और जब इतना कुछ सहने के बाद भी उसका पुत्र नहीं माना तो अंत में उसने अपनी बहन होलिका को अपने पुत्र को सौंप दिया। होलिका के पास वरदान था कि अग्नि उसके शरीर को जला नहीं सकती। होलिका प्रह्लाद को जलाने के उद्देश्य से अपनी गोद में लेकर अग्नि में प्रविष्ट हो गयी। लेकिन प्रह्लाद की भक्ति के प्रताप से खुद होलिका ही आग में जल गई और प्रह्लाद सुरक्षित रहे। इस प्रकार होली का यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।
होली की पूजा विधि:
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रंगवाली होली के दिन प्रात:काल नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पितरों और देवताओं का पूजन करें। होलिका की राख की वंदना करके उसे अपने शरीर में लगा लें। इसके बाद मां पृथ्वी को प्रणाम करें। सभी पितरों को नमन करते हुए ईश्वर से प्रार्थना करें कि वह आपके जीवन में सुख-समृद्धि बनाए रखें।
भारतीय संस्कृति में हर त्योहार का अपना अलग महत्व है। ऐसे ही इनमें एक है होली का त्योहार जिसे रंगों का त्योहार कहा जाता है। होली का पर्व दो दिनों तक मनाया जाता है। इस साल 28 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और 29 मार्च को सुबह रंग वाली होली खेली जाएगी।
ये उपाय बनाएंगे धनवान
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ज्योतिष के अनुसार, होली के दिन कुछ खास कार्य करने से घर से सभी संकट दूर हो जाते हैं और धन-धान्य में वृद्धि होती है। इस दिन घर में कुछ खास चीजें लाने से सुख-संपत्ति, वैभव आदि की प्राप्ति होती है।
हत्था जोड़ी-
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हत्था जोड़ी दिखने में धतूरे के पेड़ की तरह होती है। तंत्र विद्या में यह सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। शनिवार के दिन इसे खरीदें और लाल कपड़े में बांधकर लॉकर के पास रखें। कहा जाता है ऐसा करने से धन में वृद्धि होती है। यदि शनिवार को ये करना संभव ना हो तो मंगलवार को भी कर सकते हैं।
श्रीयंत्र-
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श्रीयंत्र में देवी लक्ष्मी सहित 33 कोटि दैवीय शक्तियां वास करती हैं। इस यंत्र को अपनी दुकान या घर में धन वाले स्थान पर रखने से धन, वैभव की प्राप्ति होती है।
मोती शंख-
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मोती शंख केवल आर्थिक रूप से मजबूत बनाता है बल्कि कई तरह के शारीरिक रोगों को भी ठीक करने में मदद करता है। इसे साफ और पवित्र स्थान पर रखने से धन में वृद्धि होती है।
पीली कौड़ियां-
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शुक्रवार के दिन इन्हें खरीदकर लाल कपड़ें में बांध लें और लॉकर के पास रखें। ज्योतिष के अनुसार ऐसा करने से आर्थिक स्थिति में सुधारा आता है।
गोमती चक्र-
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अगर आप धन तो कमाते हैं, लेकिन उसे बचा नहीं पाते हैं तो 11 गोमती चक्र पीले कपड़े में लपेटकर धन के बॉक्स में रखें. ऐसा करने से धन में बरकत होगी।
सफेद आक की जड़-
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ज्योतिषविदों के अनुसार कहा जाता है कि सफेद आक की जड़ को शुभ समय पर घर में धन वाले स्थान पर स्थापित करने से धन में बरकत होती है।
एकाक्षी नारियल-
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एक आंख वाले नारियल को एकाक्षी नारियल कहते हैं। जिस घर में इस नारियल की पूजा होती है वहां देवी लक्षमी की कृपा बनी रहती है। इससे घर में सुख-संपत्ति हमेशा बनी रहती है।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076
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