आततायी और असहिष्णु निरकुंश राज्य शक्ति पर सच्चाई और सद्दभाव की जीत का पर्व होली Part 7

dr. j k garg
अब तय आपको ही करना है कि इस होली पर भी आप विगत वर्षों की होली के भाति सिर्फ घासफूस जलाने ही जा रहे हैं या फिर अपनी बुराइयों ? को सच्चे दिल से जलाने और भस्म करने का मजबूत संकल्प ले रहे हैं
होली के जलते हुए कोयलों पर गेहूँ की बालियों को भुन कर नई फसल के लिये परमात्मा को धन्यवाद देते हुये पापड़ खीचें भी भुन कर खाते हैं | नई फसल के आजाने से किसानों सहित जनमानस के चहेरे पर खुशी और उल्लास लाती है
डा. जे. के. गर्ग

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