अब तय आपको ही करना है कि इस होली पर भी आप विगत वर्षों की होली के भाति सिर्फ घासफूस जलाने ही जा रहे हैं या फिर अपनी बुराइयों ? को सच्चे दिल से जलाने और भस्म करने का मजबूत संकल्प ले रहे हैं
होली के जलते हुए कोयलों पर गेहूँ की बालियों को भुन कर नई फसल के लिये परमात्मा को धन्यवाद देते हुये पापड़ खीचें भी भुन कर खाते हैं | नई फसल के आजाने से किसानों सहित जनमानस के चहेरे पर खुशी और उल्लास लाती है
डा. जे. के. गर्ग