भूलकर भी इस दिन न करें स्वाभाविक मृत्यु वाले पितरों का श्राद्ध
==============================
शस्त्रों की वजह से हुई हो मृत्यु तो-
——————————————-
शास्त्रों में बताया गया है कि जिन लोगों की मृत्यु शस्त्रों की वजह से या फिर किसी जहरीले सांप के काटने से, युद्ध में या फिर आत्महत्या करने वाले लोगों का श्राद्ध चतुर्दशी के दिन किया जाता है। इसके अलावा जिन लोगों का मर्डर होता है उन लोगों का श्राद्ध भी इसी दिन किया जाना चाहिए।
महाभारत में बताई गई है यह बात
===================
चतुर्दशी श्राद्ध के बारे में महाभारत के एक पर्व में भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को इस बारे में बताया है। उन्होंने कहा था कि जिन लोगों की स्वाभाविक मृत्यु न हुई हो, उनका श्राद्ध पितृ पक्ष की चतुर्दशी पर ही करना चाहिए। माना जाता है कि इस तिथि से स्वाभाविक मृत्यु प्राप्त करने वाले लोगों का श्राद्ध नहीं किया जाता है। महाभारत के अनुसार, जो लोग स्वाभाविक मौत से मरते हैं उनका श्राद्ध इस तिथि पर करने से श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को भारी परेशानी और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। वहीं कूर्मपुराण भी इस बारे में विस्तृत रूप से बताया गया है कि चतुर्दशी तिथि पर स्वाभाविक रूप से मरने वाले लोगों का श्राद्ध करने से संतान को कष्ट भोगने पड़ते हैं।
श्राद्ध विधि
========
पितृ पक्ष में तर्पण और श्राद्ध करने की विशेष विधि के बारे में बताया गया है। सबसे पहले हाथ में जौ, कुशा, काला तिल और अक्षत व जल लेकर संकल्प करें। संकल्प लेने के बाद “ऊं अद्य श्रुतिस्मृतिपुराणोक्त सर्व सांसारिक सुख-समृद्धि प्राप्ति च वंश-वृद्धि हेतव देवऋषिमनुष्यपितृतर्पणम च अहं करिष्ये” मंत्र का उच्चारण करें। पूजा करें और उसके बाद पितरों के निमित्त भोजन ब्राह्मणों को करवाएं और फिर गाय, कुत्ते और कौए का भोजन निकालें। माना जाता है कि पितृ पक्ष में पशु पक्षियों के रूप में हमारे पितर परिवार से मिलने आते हैं।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076
नोट- अगर आप अपना भविष्य जानना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल करके या व्हाट्स एप पर मैसेज भेजकर पहले शर्तें जान लेवें, इसी के बाद अपनी बर्थ डिटेल और हैंडप्रिंट्स भेजें।