रावण की इर्ष्या-डाह-जलन की प्रव्रत्ति की वजह से उसके हितेषी भी मन ही मन उससे दूरी बनाने लगे | इसी वजह से रावण का सगा भाई विभीषन रावण को छोड़ कर राम का शरणार्थी बन गया | आज भी इर्ष्या-जलन की वजह आदमी बेवजह यह सोचकर दुखी रहता है कि मेरा पड़ोसी , मेरे रिश्तेदार, मेरे दोस्त मुझसे ज्यादा सुखी कैसे और क्यों हैं ?