लौह पुरुष सरदार पटेल के मजबूत इरादों और नेहरूजी की सज्जनता दूरदर्शिता की प्रतीक आयरन लेडी इंदिरा गांधी Part 1

dr. j k garg
नेहरूजी नेअपनी किताब पिता के बेटी के नाम पत्रों में इंदिरा को दुनिया में बदलते हुए हालात की जानकारी दी उन्होंने इंदिरा को लिखा सभ्यता की सबसे बड़ी पहचान है मिलकर काम करना | दुनियां ऐसी हो जहां सभी अमन और चेन से रह सके | नेहरूजी के पत्रों ने ही इंदिरा को आयरन लेडी बनाया और समझाया कि आयरन लेडी वो होती है जो गम्भीर मोकों पर बड़े फेसले लेने में हिचके नहीं और नहीं पीछे हटे | इंदिराजी ने कई अवसरों पर अपने फेसलों से यह प्रमाणित भी कर दिया था | निसंदेह इंदिराजी ने अपनी प्रतिभा और राजनीतिक दृढ़ता मजबूत इरादों आत्म विश्वास स्पष्ट दूरदर्शिता और सज्जनता की प्रतिमूर्ती आयरन लेडी इंदिराजी ने अपना नाम और कीर्ति को बीसवी शदी के महान राजनीतिज्ञयों में हमेशा के लिये लिये स्वर्ण अक्षरों से अंकित कर दिया । भूतपूर्व राजाओं के प्रिवी-पर्स खत्म करने, बैंकों के राष्ट्रीयकरण, हरित क्रांति, सफेद क्रांति भूमी सुधार, सिक्किम का भारत में विलीनीकरण, पाकिस्तान का विघटन और शिमला समझोते जैसे कदमों से इंदिराजी ने अकल्पनीय दृढ़ता दिखाई थी। इंदिराजी थीं तो नेहरूजी की बेटी उन्होंने अपने पिता की सीख और, लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के गुण भी आत्मसात कर लिये थे |

जरा सोचिए कि इंदिराजी की जगह अगर कोई अन्य प्रधानमंत्री होता तो क्या बांग्लादेश बन सकता था ? 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के टुकड़े करने के बाद उनके घोर विरोधी अटलबिहारी वाजपेयी ने भी उन्हें साक्षात् दुर्गा बताया था । इंदिराजी को उनके निडर कठोर निर्णय लेने की क्षमता की वजह से संसार में उन्हें आयरन लेडी के नाम से पुकारे जाने लगा | इंग्लैंड की प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर ने कहा कि “मैंने उनमें एक स्टेट्समैन की खूबियां देखी थीं। वह अपने मुल्क को लेकर बेहद जुनूनी थीं, हमेशा उत्साहित रहती थी और बहुत यथार्थवादी थीं। 1974 में इंदिरा ने भारत का पहला परमाणु परीक्षण किया। भारत को छठा परमाणु शक्ति वाला देश बना दिया था |

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