लौह पुरुष सरदार पटेल के मजबूत इरादों और नेहरूजी की सज्जनता दूरदर्शिता की प्रतीक आयरन लेडी इंदिरा गांधी Part 2

dr. j k garg
1975 में इलाहबाद हाई कोर्ट के जज खन्ना साहिब ने इंदिरा के लोकसभा में निर्वाचन को अवैध ठहरा कर उनके निर्वाचन को निरस्त कर दिया था | दिया। विपक्ष ने उनके खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन किये, इंदिराजी ने आंतरिक आपातकाल लगा दिया और सैकड़ों विपक्ष के नेता जेल में डाल दिये गये, तीखे जन आक्रोश से उन्हें 1977 में पराजय का मुहं देखना पड़ा | जनतंत्र में जनता ही सर्वोच्च होती है ओर उसीका निर्णय शिरोधार्य है का सम्मान करते हुए

संघर्षशील इंदिरा जी अपने आपातकाल कोलगये जाने को ही गलत मानते हुए सार्वजनिक सभाओं में माफी मागी और जनता ने उन्हें वापस अपना लाड प्यार दिया जिसके फलस्वरूप वो 1980 में पुनः पूर्ण बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बनी | 1980 में उनके ही कार्यकाल में भारत ने पहली बार अन्तरिक्ष युग में प्रवेश करवा कर भारत को दुनिया के उन्नत राष्ट्रों शामिल में करवा दिया | 1984 में ख़ुफ़िया एजेंसियों ने आशंका प्रकट की थी कि इंदिरा गांधी की जान को खतरा है एवँ पर हमला हो सकता है, इसलिए उनके सभी सिख गार्ड को हटा लिया`जाए। लेकिन जब यह फ़ाइल इंदिरा के पास पहुंची तो उन्होंने उस पर पर लिखा, Are We Not Secular यानि क्या धर्म निक्षेप नहीं है ? वो सभी धर्मावलम्बियों को समान नजर से देखती थी और उनका सम्मान करती थी | उन्होंने आदेश दिया कि कोई भी सिख उनके सुरक्षा गार्ड से नहीं हटाये जायें, जिससे मालुम पड़ता है कि उनके लिये भारत का संविधान सर्वोच्च था| | इंदिरा गाँधी लगातार तीन बार यानि 1966 से 1977 और फिर चौथी बार 1980 से 31 अक्टूबर 84 तक म्रत्यु पर्यन्त भारत की लोकप्रिय प्रधानमंत्री रही | उनकी आतंकियों द्वारा निर्मम हत्या पर लोगों ने सही ही कहा था “आसमान में जब तक सूरज चांद रहेगा,इंदिरा तेरा नाम रहेगा” |

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