महान सामाजिक सुधारक परम पूज्य नानक देवजी पार्ट 1

dr. j k garg
सच्चाई तो यही है कि गुरु नानक देव जी एक महान दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि और देशभक्त थे | वे विश्वबंधुत्व में विश्वास करते थे और उनमें सच्ची मानवता के सभी गुण मोजूद थे | उनके बचपन के समय में कई चमत्कारिक घटनाएं घटी जिससे जन साधारण उन्हें दिव्य व्यकित्व का स्वामी मानते थे | नानकदेव जी वास्तव में आलोलिक श्रेणी के संत महापुरुष थे | गुरु नानक ने बचपन से ही रूढ़िवादिता के विरुद्ध संघर्ष करना शुरू कर दिया था | वे धर्मप्रचारकों को उनकी खामियां बतलाने के लिए अनेक तीर्थ स्थानों पर पहुंचे और लोगों से धर्मांधता से दूर रहने का आग्रह किया | गुरु नानक जंयती पूरे देश में कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है जिसे प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है | गुरुनानक सिखों के प्रथम गुरु हैं |गुरु नानक देवजी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा,संवत्‌ 1526 के दिन हुआ था | कुछ इतिहासकार एवं जानकार गुरु नानक की जन्मतिथि 15 अप्रैल, 1469 मानते हैं | नानक जी का जन्म रावी नदी के किनार स्थित तलवंडी नामक गांव में खत्री कुल में हुआ था | तलवंडी का नाम आगे चलकर नानक के नाम पर ननकाना पड़ गया था | गुरु नानक देव के पिता और माता का का नाम मेहता कालू और तृप्ता देवी था | गुरु नानक को बचपन से ही सांसारिक विषयों मैं कोई रुची नहीं थी और वे उनसे उनकी उससे विरक्ति थी | उनका अधिकाशं समय आध्यात्मिक चिंतन और सत्संग में व्यतीत होता था| गुरु नानकदेव महान सामाजिक सुधारक थे उन्होनें सिख धर्म की स्थापना की थी | गुरु नानक जी का विवाह सन 1487 में माता सुलखनी से हुआ. उनके दो पुत्र थे जिनका नाम श्रीचंद और लक्ष्मीचन्द था | नानक देव जी ने समाज में फैली कुरीतियों को खत्म करने के लिए अनेक यात्राएं की थी |

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