होली मनाने के तरीके अनेक किन्तु संदेश एक part 4

dr. j k garg
होली को मनाने के तरीके अनेक फिर भी सन्देश सिर्फ भाईचारे,प्रेम परस्पर विश्वास एवं सौहार्द का पार्ट 4 तमिलनाडु में होली का दिन कामदेव को समर्पित होता है। कहा जाताहै कि शिवजी की तपस्या को भंग करने के लिये कामदेव ने शिवजी पर अपने कामबाणों सेवार कर उनकी तपस्या को भंग किया जिससे शिवजी क्रोधित हो ऊठे | भगवान शिव ने अपने तीसरे नेत्र से कामदेव को भष्म कर दिया | शिवजी की तपस्या भंग होने का सुखदपरिणाम तो यह हुआ कि शिव पार्वती का विवाह हो गया | उधर कामदेव की पत्नी रति ने कामदेव की मृत्यु पर विलाप किया औरशंकर भगवान से कामदेव को पुनर्जीवित करने की प्रार्थना की। रति की आराधना से शिवजीप्रसन्न हुए और उन्होने कामदेव को पुनर्जीवित कर दिया। कहा जाता है कि यह दिन होलीका दिन था | आज भी रतिके विलाप को लोकसंगीत के रूप में गाया जाता है और चन्दन की लकड़ी को अग्निदान कियाजाता है ताकि कामदेव को आग में भस्म होने में पीड़ा ना हो, साथ ही बाद में कामदेव के जीवित होनेकी खुशीमे रंगो का त्योहार मनाया जाता है।उड़ीसा में होली को ‘डोल पूर्णिमा’ कहते हैं और भगवान जगन्नाथ जी कीडोली निकाली जाती है।

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