dr. j k gargइतिहासकारों का मानना है कि आर्योंमें भी होली पर्व का प्रचलन था | वैदिक काल में इस पर्व कोनवात्रैष्टि यज्ञ कहा जाता था। विंध्य क्षेत्र के रामगढ़ स्थान पर स्थित ईसा से 300 वर्ष पुराने एक अभिलेख में भी इसका उल्लेख किया गया है। सुप्रसिद्ध मुस्लिम पर्यटक अलबरूनी नेभी अपनी ऐतिहासिक यात्रा संस्मरण में होलिकोत्सव का विस्तार से वर्णन किया है। उन्होंने लिखा है कि होली को केवल हिंदू ही नहीं वरनमुसलमान भी हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। सबसे प्रामाणिक इतिहास की तस्वीरें हैंमुगलकाल की हैं, इसी काल में अकबर का जोधाबाई के साथ तथा जहाँगीर का नूरजहाँ के साथहोली खेलने का वर्णन भी\ मिलता है।अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र के बारे में प्रसिद्ध है कि होली पर उनके मंत्रीउन्हें रंग लगाने जाया करते थे। उन दिनों में होली का पर्व धार्मिक सौहार्द और पारस्परिक भाईचारे के पर्व के रूप में मनाया जाता था |