dr. j k gargमान्यताओं के अनुसार देवी दुर्गा ने अश्विन के महीने में महिषासुर पर आक्रमण कर उससे नौदिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन उसका वध किया इसलिए इन नौ दिनों को शक्ति की आराधना के लिए समर्पित कर दिया गया है| कहा जाता है क शारदीय नवरात्रि धर्म की अधर्म परऔर सत्य की असत्य पर जीत का प्रतीक है | धार्मिकमान्यताओं के अनुसार इन्हीं नौ दिनों में मां दुर्गा धरती पर आती है और धरती कोउनका मायका कहा जाता है | उनके आने की खुशी में इन दिनों कोदुर्गा उत्सव के तौर पर देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है | चैत्र नवरात्रि के अंत में रामनवमी आती है | धार्मिक मान्यता के है कि प्रभुश्रीराम का जन्म रामनवमी के दिन ही हुआ था. जबकि शारदीय नवरात्रि के अंतिम दिनमहानवमी के रूप में मनाया जाता है | शारदीय नवरात्रि केके अगले दिन विजयादशमी पर्व होता है | विजयदशमी के दिनमाता दुर्गा ने महिषासुर का मर्दन किया था और प्रभु श्रीराम ने रावण का वध किया था| हमारी चेतना के अंदर सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण व्याप्त हैं ।प्रकृति के साथ इसी चेतना के उत्सव को नवरात्रि कहते है। इन 9 दिनों में पहले तीन दिन तमोगुणी प्रकृति की आराधना करते हैं, दूसरे तीन दिन रजोगुणी और आखिरी तीन दिन सतोगुणी प्रकृति की आराधनाका महत्व है । नवरात्रि के इस पावन त्योहार पर देश के उत्तर भारतके कई स्थानों पर कन्या पूजन किया जाता है। इस पूजा में नौ छोटी लड़कियों की पूजाकी जाती है। लोग इसलिए उनकी पूजा करते है क्यूंकि उन्हें वेदेवी माँ का रूप समझते है। नौ छोटी लड़कियों को हलवा, पूरी, मिठाईइत्यादि खिलाया जाता है।
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पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती के ही विभिन्न नौ स्वरूपों को नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है। नवरात्रों में हम पहले तीन दिन पार्वती के तीन स्वरूपों की पूजा -आराधना करते हैं वहीं अगले तीन दिन में लक्ष्मी माता के तीन रूपों की आराधना करते है वहीं आखिरी के तीन दिन में माता सरस्वती के तीन स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती हैं।
नवरात्रि के इस उत्सव पर कई प्रकार की पौराणिक मान्यता । मान्यता के अनुसार इन नो दिनों में श्रीराम ने सीता माता को रावण की कैद से छुड़वाने के लिए देवी दुर्गा की आराधना की थी। उन्होंने 108 कमलो की पूजा नौ दिनों तक की थी। जिसके पश्चात देवी दुर्गा उनके इस पूजा से प्रसन्न हो कर उन्हें विजयी होने का आशीर्वाद दिया था। उसके पश्चात राम ने अंहकारी रावण का वध किया था। इसी संदर्भ में यह भी जानना जरूरी है कि धार्मिक ग्रन्थों में दुर्गा सप्तशती के अन्तर्गत देव दानव युद्ध का विस्तृत वर्णन किया गया है जिसमें बताया गया है कि देवी भगवती और मां पार्वती ने किस प्रकार से देवताओं के साम्राज्य को स्थापित करने हेतु तीनों लोकों में उत्पात मचाने वाले बलशाली दानवों से लोहा लिया था, इसी वजह से आज सम्पूर्ण देश में हजारों की संख्याओं में दुर्गा यानी नवदुर्गाओं के मन्दिर स्थित हैं। पहला नवरात्र बालिकाओं को, दूसरा नवरात्र युवतियों तथा तीसरा नवरात्रा महिलाओं के चरणों में समर्पित है |