दोस्तो, नमस्कार। चूंकि आदमी खडे हो कर आसानी से मूत्र त्याग कर सकता है, इस कारण यह चलन हो गया। इसलिए दुनिया के सारे यूनिनल में खडे होकर मूत्र त्याग की व्यवस्था हो गई। जबकि महिलाओं के लिए बैठ कर मूत्र त्याग की व्यवस्था की गई। एक बडी भूल हो गई। वह तथ्य ही गौण हो गया कि खडे हो कर मूत्र त्याग करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। वस्तुतः बैठ कर पेशाब करने से प्रोस्टेट और मूत्राशय के बेहतर खाली होने में मदद मिलती है। बैठने की स्थिति में पेल्विक मसल्स और मूत्रमार्ग को आराम मिलता है, जिससे पेशाब पूरी तरह से बाहर निकलता है। यह खासकर बुजुर्ग पुरुषों और प्रोस्टेट बढ़ने वाले मरीजों के लिए फायदेमंद है। बैठ कर पेशाब करने से मूत्र फर्श या दीवारों पर नहीं छिटकता, जिससे साफ-सफाई बेहतर रहती है। हां, इतना जरूर है कि सार्वजनिक स्थानों पर बैठ कर पेशाब करना, जैसे गंदे टॉयलेट में, अस्वच्छ हो सकता है। सार्वजनिक स्थानों पर खडे हो कर पेषाब करने से आपको टॉयलेट सीट को छूना नहीं पड़ता, जिससे इंफेक्शन का खतरा थोड़ा कम हो सकता है। इसके अतिरिक्त खासकर सार्वजनिक स्थानों पर या जब जल्दी हो तो खडे हो कर मूत्र त्याग करने का तरीका तेज और सुविधाजनक होता है।
एक स्टडी में पाया गया कि बैठकर पेशाब करने से प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं वाले पुरुषों में बेहतर मूत्र प्रवाह और मूत्राशय की अधिक सफाई होती है। निश्कर्श यही कि यथा संभव बैठ कर ही पेषाब करना चाहिए।