जल आन्दोलन को जन आन्दोलन बनाने के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित – रावत

अजमेर, 2 जून। वन्दे गंगा – जल संरक्षण महाअभियान के अन्तर्गत सोमवार को जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत ने अजमेर संभाग के सम्भागीय अधिकारियों की बैठक में जल आन्दोलन को जन आन्दोलन बनाने के लिए समाज के समस्त वर्गों के सहयोग का आह्वान किया। बैठक में नसीराबाद विधायक श्री रामस्वरूप लाम्बा, पुलिस महानिरीक्षक श्री ओमप्रकाश, जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु, पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा, नगर निगम के आयुक्त श्री देशल दान उपस्थित रहे। अभियान के लिए की गई तैयारियों के सम्बन्ध में अजमेर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अभिषेक खन्ना एवं अन्य जिलों के जिला कलक्टर्स ने अवगत कराया।

जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि वन्दे गंगा – जल संरक्षण महाअभियान के अन्तर्गत राज्य स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। जल स्वावलम्बन पखवाड़ा 5 से 20 जून तक आयोजित होगा। इस दौरान जल संचय एवं बाढ़ नियंत्रण की पूर्व तैयारियों की समीक्षा के लिए अजमेर संभाग के अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया। यह अभियान जल संरक्षण के माध्यम से राज्य को जल स्वावलम्बी बनाने के लिए चलाया जा रहा है। इससे व्यापक जन को जोड़ने की आवश्यकता है। यह अभियान में समाज के सभी वर्गों को जोड़कर सर्वस्पर्शी बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस महाअभियान का शुभारम्भ गंगा दशमी एवं विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर गुरूवार 5 जून को मुख्यमंत्री श्री भजन लाल के द्वारा होगा। राज्य स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। किसी स्थान पर कार्य पूर्व में स्वीकृत नहीं होने की स्थिति में नवीन कार्य स्वीकृत करना आवश्यक है। समस्त स्थानीय जन प्रतिनिधि भी अपने क्षेत्र के जल स्त्रोत पर आयोजित गतिविधि में भाग लेंगे। इस दिन समस्त जल स्त्रोतों का पूजन कर कलश यात्रा निकाली जाएगी।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा महाअभियान के लिए गतिविधियां प्रस्तावित की गई है। इनका स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप कलेण्डर बनाकर कार्य करें। भूमि सम्बन्धित दस्तावेजों में दर्ज नदियों एवं नालों पर से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करें। मौके पर जल स्त्रोत होने पर उसका अंकन भी राजस्व रिकोर्ड में दर्ज होना चाहिए। भू-जल बचे भी और बढ़े भी के लिए सब मिलकर प्रयास करें।

उन्होंने कहा कि इस महाअभियान की महासफलता के लिए जन प्रतिनिधियों, प्रतिष्ठित व्यक्तियों एवं गैर सरकारी संगठनों को भी जोड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने जल संरक्षण के कार्यों में नई पीढ़ी का सहयोग के लिए आह्वान किया। परम्परागत जल स्त्रोतों के इतिहास एवं विरासत से नई पीढ़ी को अवगत कराने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि सम्भाग के विभिन्न जिलों में स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप भामाशाहों, उद्यमियों, प्रवासियों एवं खनन से जुड़े व्यक्तियों के सहयोग से कार्य कराए जाएं। खनन प्रभावित क्षेत्रों में प्राथमिकता से वृक्षारोपण होना चाहिए। सम्भाग के समस्त जल स्त्रोतों पर वृक्षारोपण करें। टोंक के चतुर्भुज तालाब पर अतिक्रमण पुनः नहीं हो। सम्भाग के समस्त जल स्त्रोतों की आवश्यक मरम्मत करवाना सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने कहा कि सम्भाग में बाढ़ प्रबन्धन पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। पूर्व के जल भराव वाले क्षेत्रों में जल भराव रोकने की कार्य योजना बनाकर कार्य करें। निचले इलाकों के लिए बाढ़ कन्टेन्जेन्सी प्लान तैयार रखें। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के नालों को साफ करें। बाढ़ नियंत्रण कक्ष दो सप्ताह में स्थापित हो जाना चाहिए। यह अभियान मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान, जल शक्ति अभियान-जन सहभागिता जन भागीदारी, हरियाळो राजस्थान, कर्म भूमि से मातृ भूमि अभियानों को और अधिक जनकेन्दि्रत बनाएगा। उन्होंने भामाशाहों, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, कार्मिकों और आमजन से अभियान को जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया।

 इसमें अतिरिक्त सम्भागीय आयुक्त श्रीमती दीप्ती शर्मा सहित अजमेर संभाग मुख्यालय पर पदस्थापित अधिकारी उपस्थित रहे। संभाग के अन्य जिलों के अधिकारी वीसी के माध्यम से जुड़े।

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