साधारण विषय को असाधारण रूप से प्रस्तुत करने को ही अक्सर लेखक की विद्वता मान लिया जाता है। असाधारण प्रस्तुतिकरण वास्तव में विद्वता की कसौटी नहीं हो सकता। वास्तु जैसे विषय को ही ले लिजिए। यह विषय अति साधारण है, जिस पर बाजार में ढेरों पुस्तकें उपलब्ध हैं। लेकिन इनमें से ज्यादातर में इस विषय का गूढ प्रसतुतिकरण किया गया है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि वास्तु तंत्र-मंत्र सरीखी कोई पराविद्या है, जिसके बूते सिर्फ कुछ खास किस्म की आवास संबंधी समस्याओं से निपटा जा सकता है। कहीं-कहीं ऐसा भी आभास होता है कि वास्तु से आम आदमी को जैसे कोई सरोकार न हो। इन और ऐसे कई मिथकों को तोडती है यह नई पुस्तक ‘ वास्तु फॉर हॉरमनी’। लेखक ने वास्तु जैसे विषय साधारण विषय को बेहद सरल भाषा में, बिना विषय को गूढ किए प्रस्तुत किया है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यह पुस्तक वास्तु से जुडी कई भ्रांतियों को तोडती है और बताती है कि वास्तु न तंत्र-मंत्र सरीखी कोई विद्या है और न आवास संबंधित मुसबतों से पार पाने का नुस्खा। वास्तव में वास्तु वह विज्ञान है जो जीवन को संतुलित बनाने में मार्गदर्शन करती है।
लगभग 170 पृष्ठों की यह पुस्तक तीन भागों में विभक्त है। प्रथम भाग में वास्तु के उद्भव शास्त्रों में इसका वर्णन, विभिन्न सभ्यताओं में वास्तु की उपयोगिता, वास्तु के इतिहास और वर्तमान परिवेश में उसकी आवश्यकता जैसे विषयों पर व्यापक चर्चा की गयी है, तो वास्तु व ज्योतिष तथा वास्तु व फेंग्शुई के परस्पर संबंध व अंतर को स्पष्ट किया गया है। बताया गया है कि वास्तु एक विज्ञान किस तरह है। पुस्तक का यह भाग वाकई इसे विलक्षण बनाता है, जहां वास्तु के वैज्ञानिक पहलुओं की तार्किक व्याख्या की गयी है। द्वितीय एवं तृतीय भाग में आवास, घर, दफ्तर के लिए उपयुक्त वास्तु दिशा-निर्देशों को समझाने के साथ-साथ, वास्तु दोष पहचानने व सामान्यत: वास्तु दोष होने पर किस-किस तरह की परेशानियों का सामना करना पडता है और उनके निवाराणर्थ क्या किया जाना चाहिए, इन सब विषयों पर लेखक ने प्रकाश डाला है। पुस्तक के इस भाग के अध्ययन पर लेखक का निजी अनुभव स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, जहां वास्तु सिद्धांतों को पुरातन रूप में नहीं, बल्कि आधुनिक जीवन शैली और आवास-निवास व्यवस्थाओं के अनुरूप प्रस्तुत किया गया है।
कम शब्दों में कहा जाए तो यह पुस्तक आम आदमी की वास्तु संबंधी तमाम जिज्ञासाओं को बेहद सरल शब्दों में पूरा करती है। बाकी तो सुधि पाठकगण पुस्तक के अध्ययन के बाद स्वयं निर्णय करने में सक्षम है।
पुस्तक – वास्तु फॉर हारमनी
लेखक- नरेश सिंगल
प्रकाशक – स्टर्लिंग पब्लिशर्स प्रा. लि.
Mr. Naresh Singal is a renowned Vaastu/ FengShui / Pyramidology consultant. He is also the founder of Institute – Vedic Vaastu Vision. Honors like “Vaastu Shree”, “Vaastu Visharad” and a Gold Medalist are not just enough to explain him. He is the only celebrity Vaastu consultant who has a strong clientele in India and abroad as well. Mr. Singal has organized workshops on Vaastu, Feng-Shui & Pyramidology in Haryana, U.P., Rajasthan, Delhi etc. and foreign countries like Ajman, Sharjah, Malaysia, Italy, Australia, Hong-Kong etc. His articles, newsletters and write-ups have been published in leading newspapers and magazines for e.g Hindustan Times, Amar Ujala, Vaish Panorama, PrabhatKhabar etc.. He has also done shows in popular channels i.e. Zee Jagran, Zee Business, Shraddha, News street, Jain TV etc. and his weekly program is aired at 89.3 FM in UAE. He has also organized number of free workshops on Vaastu, Feng-Shui & Pyramidology for various clubs including Rotary Club / Lions Club / Bharat Vikas Parishad etc.. He is a columnist in Hindustan Times since 1999 (Hindi & English). His articles on various subjects based on Vaastu and Feng Shui are being published in magazines like Estate World / Property Panorama / Estate Avenues / Property & Wealth etc.
Noted politicians, Corporates and General public are some of his clients ever since he began practicing ancient Chinese system of aesthetics, Feng Shui, Indian geomancy science, Vaastushastra and Pyramidology. Some of his clients are Usha Martin (Mr. Jhawar), Dilbag Gutka, Delhi-Assam Roadways (Gorakhpuria), Matterlite India Pvt. Ltd., P.K. Transformers, Subhash Dalmi, Triveni Group (Real Estates), SAIL, Baroda Airport, Golcha Group and many more. Politicians and celebrities are also his clients.
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