रसोई से सम्बंधित वास्तु के वैज्ञानिक तथ्य

किसी भी वास्तु में रसोई जीवनदायनी होती है।वास्तु में रसोई को सही स्थान पर स्थापित करना अनिवार्य होता है।रसोई आग्नेय हिस्से में एवं वायु प्रवाह दायक होनी चाहिए।दक्षिण-पूर्व के क्षेत्र को आग्नेय कोना कहा जाता है,अग्नि तत्त्व ही भोजन को पकाता है। हमारे शरीर में अग्नि तत्व ही भोजन को पचाता है जिससे जीवनदायनी रसायनों … Read more

विद्यार्थियों के लिए आवश्यक वास्तु टिप्स

*बच्चों को दर्पण के सामने बैठ कर अध्ययन नहीं करना चाहिए | * अध्ययन कक्ष में पूर्व दिशा या उत्तर दिशा में खिडकी होना उत्तम होता है | * पूर्व दिशा में मुख कर अध्ययन करना उत्तम रहता है। *बच्चों के अध्ययन के लिए वायव्य/उत्तर/पूर्व दिशाएं उपुक्त है। *बच्चों की पीठ के पीछे दिवार अवश्य … Read more

दिशा का सही आंकलन ही करता है सही वास्तु का निर्माण

वास्तु शास्त्र की मुख्य अवधारणा पृथ्वी की चुम्बकीय शक्ति पर आधारित है। पृथ्वी एक महाचुम्बक है,जिसका प्रभाव पृथ्वी पर निवास करने वाले प्रत्येक प्राणी पर पड़ता है।वास्तु निर्माण करने से पूर्व प्लाट का सीमांकन करने के बाद उपयुक्त दिशा का अंकन कर लेना चाहिए।जिस प्रकार एक चुम्बक को तोड़ने पर उतने ही नए चुम्बक बन … Read more

Dynamic Vaastu Workshop by Essel Tower Club

Gurgaon, on 9th November’ 2014, A workshop will be conducted by Essel Tower Club and renowned Vaastu consultant Naresh Singal is the chief speaker. Naresh Singal who is from the Capital, Delhi will throw light upon various facts of professional and personal life linked with Vaastu, Workshop will be conducted on 09th November 2014 in … Read more

वास्तु शास्त्र द्वारा गृह क्लेश निवारण

आज के आधुनिक युग में भवन निर्माण का कार्य अत्यन्त कठिन हो गया है। साधारण मनुष्य जैसे तैसे गठजोड़ करके अपने लिए भवन की निर्माण करता है। तब भी यदि भवन वास्तु के अनुसार न हो तो मनुष्य दुखी, चिंतित एवं परेशान रहने लगता है। वास्तु शास्त्र वस्तुतः कला भी हैं और विज्ञान भी । … Read more

ब्रह्म स्थान का रखे ध्यान

वास्तु प्राकृतिक ऊर्जाओं का सही उपयोग करने की कला हैं । कुछ वास्तु टिप्स अपनाकर अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान, निवास स्थान एवं उद्योग में विपरीत वास्तु होने पर स्वयं उसे ढंूढ कर सही कर सकते हैं । ऐसा ही एक सामान्य वास्तु दोष ब्रह्म स्थल से संबंधित अधिकांश स्थानों पर पाया जाता हैं । वास्तु शास्त्र … Read more

पूजा कक्ष में क्या करें क्या ना करें

1 घर में पूजा करने वाला एक ही मूर्ति की पूजा नहीं करें। अनेक देवी-देवताओं की पूजा करें। घर में दो शिवलिंग की पूजा ना करें तथा पूजा स्थान पर तीन गणेश नहीं रखें। 2 शालिग्राम की मूर्ति जितनी छोटी हो वह ज्यादाफलदायक है। 3 कुशा पवित्री के अभाव में स्वर्ण की अंगूठी धारण करके … Read more

क्या पूजा स्थल ईशान कोण में होना जरूरी हैं, उत्तम स्वास्थ्य के लिए?

पूजा स्थल का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान हैं। यदि यह शुभ स्थान में स्थापित होता हैं तो जातक व राष्ट्र के लिए शुभ होता हैं। उनके लिए विभिन्न प्रकार के सौभाग्य जैसे स्वास्थ्य , धन , कीर्ति , यश , मान , दीर्घायु आदि प्रदान करता हैं तथा उन पर ईश्वर की असीम कृपा रहती … Read more

वास्तु अनुसार कैसा होना चाहिए बच्चों का कमरा और उनका स्डडी रूम

बच्चों के कमरे का प्रवेश द्वार उत्तर अथवा पूर्व दिशा में होना चाहिए। खिड़की अथवा रोशनदान पूर्व में रखना उत्तम है। पढ़ने की टेबल का मुख पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। पुस्तकें ईशान कोण में रखी जा सकती है। बच्चों का फेस पढ़ते समय उत्तर अथवा पूर्व दिशा में होना चाहिए। एक … Read more

घर ले आएं स्‍वास्‍थ्‍य की संजीवनी

किसी ने सच कहा है कि स्‍वस्‍थ परिवार में ही वास्‍तविक सुख बसता है। आज हम फेंग्षुर्इ के एक ऐसे गैजेट की बात कर रहे हैं, जो स्‍वास्‍थ्‍य की दृष्टि से संजीवनी सरीखा साबित होता है। हम बात कर रहे हैं वु लू की। फेंग्षुर्इ के इस गैजेट का चलन अति प्राचीन रहा है। जब … Read more

वास्‍तु से बना अंडरवाटर टैंक लाता है समृद्धि

-नरेश सिंगल- लिविंग रूम, बेडरूम, बॉलकनी और डाइनिंग रूम आदि की तरह भवन में जल स्रोत का भी विशेष महत्‍व होता है। जल संग्रह के लिए ओवरहेड वाटर टैंक अथवा अंडर वाटर टैंक का निर्माण किया जाता है। वाटर टैंक का निर्माण किस दिशा में किया जाए, इसका ज्ञान होना अत्‍यंत आवश्‍यक है। वास्‍तु के अनुरूप … Read more

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