मोदी पर विवाद के बीच आडवाणी ने लिखा ब्लॉग

adwani 7बीजेपी में नरेंद्र मोदी पर जारी घमासान के बीच लालकृष्ण आडवाणी ने एक ब्लॉग लिखा है। आडवाणी ने अपने इस ब्लॉग में महाभारत के कई प्रसंगों का जिक्र किया है, जिसके कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। आडवाणी का यह ब्लॉग ऐसे वक्त में आया है जब गोवा में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही है और वह अपनी ‘बीमारी’ की वजह से उससे दूर हैं। सवाल उठ रहा है कि उन्होंने ब्लॉग लिखने के लिए यही वक्त क्यों चुना। क्या वह पार्टी को कोई संदेश देना चाहते हैं? आइए डालते हैं ब्लॉग में लिखी उनकी बातों पर एक नजर और जानते हैं उसमें छिपे अर्थ…
आडवाणी ने अपने ब्लॉग की शुरुआत करते हुए लिखा है, ‘पृथ्वीराज रोड स्थित हमारे घर में श्रीकृष्ण की चंदन की एक बेमिसाल मूर्ति है। इसमें श्रीकृष्ण कुरुक्षेत्र में अर्जुन को अपने विश्वरूप का दर्शन देते हुए गीता का ज्ञान दे रहे हैं। चिकमंगलूर (कर्नाटक) के कलाकार द्वारा बनाई गई इस मूर्ति की नक्काशी की खास बात यह है कि इस मूर्ति के पिछले हिस्से में महाभारत के कई प्रसंगों जैसे द्रौपदी चीरणहरण, बाणों की शैय्या पर लेटे भीष्म पितामह, पांडवों को उपदेश का जिक्र है। इसके अलावा दशावतारों का भी जिक्र है।’
आडवाणी को बीजेपी का भीष्म पितामह कहा जाता है। उनका ब्लॉग ऐसे समय में आया है जब वह मोदी विरोध को लेकर पार्टी में अलग-थलग पड़ चुके हैं। गोवा में पार्टी लोकसभा चुनावों पर मंथन कर रही है और वह किनारे खड़े हैं। ऐसे में उनकी इन लाइनों का यह अर्थ निकाला जा रहा है कि उन्होंने इशारों-इशारों में भीष्म पितामह की स्थिति के जरिए अपने दर्द का इजहार किया है।

कांग्रेस की चुटकीः उधर, कांग्रेस नेता शकील अहमद ने आडवाणी के इस ब्लॉग पर चुटकी लेते हुए लिखा है कि आडवाणी अपने ब्लॉग से इशारा किया है कि इंसान को अपने पापों का फल जीते जी भुगतना पड़ता है। क्या वह 2002 में मोदी को बचाने पर पछता रहे हैं?

फिल्म विश्वरूपम की तारीफः मोदी ने ब्लॉग के अगले हिस्से में कमल हासन की फिल्म ‘विश्वरूपम’ की खूब तारीफ की ह। वह लिखते हैं, ‘पिछले दिनों मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला कि तमिलनाडु के बेहतरीन फिल्ममेकर कमल हासन की फिल्म विश्वरूप पर विवाद हो रहा है। तमिलनाडु सरकार ने उसे बैन किया और बाद में कुछ दृश्यों को म्यूट करने के बाद फिल्म से बैन हटा दिया गया। इसके बाद से फिल्म को देखने की इच्छा थी। पिछले हफ्ते कमल हासन का फोन आया कि वह किसी काम से दिल्ली आ रहे हैं और एक दिन वह उन्हें अपनी फिल्म दिखाएंगे। तीन जून को परिवार और दोस्तों के साथ यह बेहतरीन फिल्म देखी। यह पिछले कुछ सालों में देखी गई मेरी बेहतरीन फिल्मों में से एक है। ‘

हिटलर-मुसोलिनी का चुटकुलाः उन्होंने ब्लॉग के अगले हिस्से में कमल हासन को सुनाए गए चुटकले का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है, ‘खाने पर आए कमल हासन को मैंने कराची के स्कूली दिनों में सुना चुटकुला सुनाया। दूसरे युद्ध के दौरान हिटलर और मुसोलिनी मिले। हिटलर ने मुसोलिनी से कहा यार हम लोगों ने बहुत पाप किए हैं। इसका अंजाम हमें भुगतना पड़ेगा। तब मुसोलिनी ने कहा कि जिंदगी के आखिरी दिनों में हम वेटिकन जाएंगे और पोप से कहेंगे कि हमें स्वर्ग का रास्ता पर करा दो। तब हिटलर ने कहा कि मुसोलिनी मुझे भी ले चलना। एक दिन दोनों कुछ चाकुओं और कागज के साथ पोप के पास जाते हैं। तीनों आगे बढ़ते हैं। हिटलर, मुसोलिनी नरक में गिरते हैं और सिर्फ पोप ही स्वर्ग जाते हैं।’
नवभारत टाइम्स से साभार

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