केंद्रीय विश्वविद्यालय में अनुवाद पर सम्मेलन सम्पन्न

rajasthan c u 450बांदरसिंदरी, 24 नवम्बर । राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज़ एण्ड लैग्वेज़ेज़ के अंग्रेजी विभाग एवं राजस्थान एसोसिएशन फर स्टडीज इन इंग्लिश के संयुक्त तत्वाधान में ”इवोल्विंग फ्ैसेट्स अफ़ ट्रांसलेशन: कम्पेरेटिव पर्सपेक्टिव्स, अडाप्टेशन एंड पपुलर कल्चरÓÓ पर आयोजित दो दिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन 24 नवम्बर को विश्वविद्यालय परिसर में हुआ।
सम्मेलन के दूसरे दिन की शुरूआत ट्रांसलेशन, थ्योरेटिकल, पब्लिक स्फीयर एंड पपुलर कल्चर विषय पर पैनल चर्चा से हुई जिसमें प्रो$ टी$एस$ सत्यानाथ ने मैपिंग ट्रांसलेशन, पब्लिक स्फीयर एंड थिएटर ने पेपर प्रस्तुत किया। जिसके पश्चात् प्रो$ बालाजी रंगनाथन ने ट्रांसलेशन, थिएटर एंड द फार्मेशन अफ द पब्लिक स्फीयर इन 19 सेंचुरी गुजरात पर प्रस्तुति दी। इस सत्र की अध्यक्षता उदय नारकर ने की।
इसके पश्चात् दो विशेष व्याख्यान हुए जिसमें लक्ष्मी कानन ने ट्रांसलेशन एेज़ क्रस कल्चरल डायलाग: द थ्री एक्सपेरिएन्सेस अफ बीइंग अ सेल्फ-ट्रांसलेटर, अफ ट्रांसलेटिंग द वर्क्स अफ द राईटर्स एंड अफ गैटिंग ट्रांस्लेटेड बाय अदर्स पर अपने विचार प्रस्तुत किये। डॉ$ अनिता बेहला ने शेक्सपियर एण्ड पॉपुलर कल्चर पर अपने विचार रखे। उन्होंने अपने वक्तव्य में लोकप्रिय संस्कृति के उतार चढ़ाव के बारे में बात करते हुए अनुवाद के क्षेत्र के संकुचित होने के बारे में उल्लेख किया। इस सत्र की अध्यक्षता प्रो$ माया पण्डित ने की।
इस दो दिवसीय सम्मेलन में साहित्य के प्रति उत्साही, शोधकर्ताआें, अनुवादकों, इतिहासकारों, भाषाविदों, मनोवैज्ञानिक, फिल्म की पटकथा-लेखक, साहित्यिक, फिल्म और सांस्कृतिक सिद्घांतकारों व आलोचकों ने एक ही मंच पर एकत्रित होकर अनुवाद के क्षेत्र में हो रहे विकास पर अपने विचार साझा किये।
इस सम्मेलन में कई जानी मानी हस्तियों जैसे प्रो अनीसुर रहमान – जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली, प्रो टी सत्यनाथ – दिल्ली विश्वविद्यालय, प्रो बालाजी रंगनाथन – सीयूजी अहमदाबाद, प्रो माया पंडित – ईएफएलयू अहमदाबाद, प्रो जोजा करनोविक – सर्बिया, ड उदय नरकर – रंगमंच कलाकार और अनुवादक मुंबई, प्रो लक्ष्मी कानन – रचनात्मक लेखक, दिल्ली और प्रो सुधा चक्रवर्ती – जादवपुर विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल आदि शामिल हुई जिन्होंने अध्यक्ष व की-नोट स्पीकर के रूप में विभिन्न सत्रों में अपनी भागीदारी निभाई।
सम्मेलन की निदेशक प्रो$ सुप्रिया अग्रवाल व सम्मेलन के समन्वयक डॉ$ संजय अरोड़ा ने बताया कि इस दो दिवसीय सम्मेलन में जम्मू, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, हैदराबाद, केरल, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगला, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु व राजस्थान से लगभग 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान आयोजित विभिन्न तकनीकी सत्रों में लगभग 60 पेपर प्रस्तुत किये गये।
सम्मेलन का समापन सत्र 24 नवम्बर 2015 को आयोजित हुआ जिसमें प्रतिभागियों व विद्यार्थियों ने सम्मेलन के बारे में अपनी प्रतिक्रिया बताई व साथ ही प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र भी वितरित किये गये। त्।ैम् के उपाध्यक्ष प्रो हेमेंद्र चंदालिया ने सभा को संबोधित किया व सम्मेलन के समन्वयक डॉ$ संजय अरोड़ा ने सम्मेलन की रिपोर्ट प्रस्तुति के साथ धन्यवाद ज्ञापित किया।

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