पहले ही दिन दिखी मंत्रियों में फूट

देवनानी और भदेल के अलग-अलग निकले जुलूस
a bhadel-devnaniअजमेर: मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अजमेर शहर के दोनों भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी और श्रीमती अनिता भदेल को यह सोच कर स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री बनाया ताकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने का संकल्प पूरा हो सके। लेकिन इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि पहले दिन ही दोनों मंत्रियों की फूट सड़कों पर आ गई।
जयपुर में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद बुधवार को पहली बार देवनानी और श्रीमती भदेल अपने गृहनगर अजमेर आए, लेकिन दोनों ने ही शहर के प्रमुख मार्गों पर अपना अलग-अलग जुलूस निकाला। श्रीमती भदेल दोपहर 1:30 घूघरा घाटी पर पहुंची और यहां सैकड़ों समर्थकों ने श्रीमती भदेल का शानदार स्वागत किया। इसके बाद श्रीमती भदेल जुलूस के रूप में शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए अपने धोलाभाटा स्थित निवास स्थान पर पहुंची। कोई एक घंटे बाद देवनानी भी जयपुर से अजमेर आए। देवनानी का भी स्वागत सबसे पहले घूघरा घाटी पर किया गया। बाद में देवनानी को भी जुलूस के रूप में विभिन्न मार्गों से होते हुए उनके रामनगर स्थित निवास स्थान पर ही लाया गया। मंत्रियों में जुलूस को लेकर जो फूट दिखी उसका असर कार्यकर्ताओं पर भी रहा। जो कार्यकर्ता श्रीमती भदेल के समर्थक थे, वे भदेल के जुलूस में और देवनानी के समर्थक देवनानी के जुलूस के साथ देखे गए। श्रीमती भदेल के जुलूस की कमान नगर परिषद के पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत, भाजपा के प्रचार मंत्री कंवल प्रकाश किशनानी, रासासिंह रावत, पूर्व विधायक नवलराय बचानी, हरीश झामनानी आदि ने संभाल रखी थी, वहीं देवनानी के जुलूस को नगर निगम के पूर्व मेयर धर्मेन्द्र गहलोत, पार्षद रमेश सोनी, धर्मेश जैन, नीरज जैन आदि सफल बनाने में लगे हुए थे।
भाजपा अध्यक्ष दूर रहे
देवनानी और श्रीमती भदेल के अलग-अलग निकले जुलूसों में शहर जिला भाजपा अध्यक्ष अरविंद यादव और देहात अध्यक्ष बी.पी. सारस्वत दूर ही रहे। यादव और सारस्वत ने दोनों मंत्रियों को सुझाव दिया था कि वे जयपुर से एक साथ अजमेर आएं और फिर संयुक्त रूप से जुलूस निकाला जाए। लेकिन दोनों भाजपा अध्यक्षों के सुझाव को मंत्रियों ने ठुकरा दिया। जुलूस निकालकर दोनों मंत्रियों ने अपनी-अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।
देवनानी के जुलूस में ज्यादा भीड़
श्रीमती अनिता भदेल के मुकाबले वासुदेव देवनानी के जुलूस में ज्यादा भीड़ देखी गई। इसका कारण यह रहा कि श्रीमती भदेल महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री हैं। जबकि देवनानी प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के। देवनानी के जुलूस में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में शिक्षक संघों के नेता भी शामिल थे। कई स्थानों पर तो स्कूली बच्चों ने भी देवनानी का स्वगात किया। शिक्षकों के नाम पर नेतागिरी करने वाले शिक्षक नेताओं ने देवनानी का स्वागत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
संगठन की एकता पर असर: देवनानी और श्रीमती भदेल के मंत्री बनने के बाद भी जिस प्रकार आपसी मतभेद सड़कों पर उजागर किया। उससे भाजपा संगठन पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है। देवनानी और भ्ज्ञदेल की आपसी खींचतान की वजह से ही अरविंद यादव अपनी शहर भाजपा की कार्यकारिणी की घोषणा अभी तक भी नहीं कर सके हैं। यादव को उम्मीद थी कि दोनों के मंत्री बन जाने के बाद राजनैतिक दृष्टि से संतुष्टि मिल जाएगी। लेकिन दोनों मंत्रियों ने बुधवार को एक होने का प्रदर्शन नहीं किया। चाहते तो दोनों मंत्री एक साथ अजमेर आ सकते थे, क्योंकि श्रीमती भदेल के एक घंटे बाद ही देवनानी भी घूघरा घाटी पर आ गए। जानकारों की माने तो देवनानी जानबूझकर विलम्ब से ही आए। हालांकि दोनों मंत्री जयपुर में ही थे, लेकिन अजमेर रवाना होने से पहले आपस में कोई संवाद नहीं हुआ।
कैसे बनेगा स्मार्ट सिटी: सूफी संत ख्वाजा साहब की दरगाह और विश्वविख्यात पुष्कर तीर्थ को देखते हुए ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की है। इसके लिए प्रधानमंत्री ने अमेरिका के साथ आपसी समझौता भी किया है। यानि प्रधानमंत्री मोदी की नजर अजमेर पर टिकी हुई है। शायद इसी वजह से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी अजमेर शहर के दोनों भाजपा विधायकों को स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बनाया, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि इन दोनों मंत्रियों को अजमेर के विकास से कोई सरोकार नहीं है। जब ये मंत्री अपनी खुशी भी एकसाथ नहीं मना सकते, तो फिर विकास के लिए एकमत कैसे होंगे? जहां तक समस्याओं का सवाल है तो अजमेर में समस्याओं का साम्राज्य है।

एस.पी.मित्तल
एस.पी.मित्तल

जाम से हुईपरेशानी: शहर में दोपहर बाद से शाम तक लोगों को यातायात जाम की वजह से भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। पहले श्रीमती अनिता भदेल और बाद में वासुदेव देवनानी का जुलूस निकलने से पुलिस में जगह-जगह यातायात भी रोक दिया। जिन मार्गों से जुलूस गुजरा उन मार्गों पर यातायात को जाम कर दिया गया। कोई चार पांच घंटे तक शहर में जाम की स्थिति से लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। जाम की वजह से कई एम्बुलेंस मरीजों को लेकर सही समय पर अस्पतालों में भी नहीं पहुंच सकी। लेकिन आज परेशान लोगों की सुनने वाला कोई नहीं था। पूरा पुलिस महकमा भी दोनों मंत्रियों की मिजाजपुर्सी में लगा हुआ था।

-एस. पी. मित्तल
लेखक अजमेर के वरिष्ठ पत्रकार हैं

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