70 दुकान और तीन कॉम्प्लेक्स सीज
अजमेर का मेयर बनने के बाद 10 अक्टूबर को धर्मेन्द्र गहलोत ने पहली बार अवध कॉम्प्लेक्सों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही करवाई की है। निगम प्रशासन ने 10 अक्टूबर को केसरगंज स्थित 70 दुकानों के एक कॉम्प्लेक्स सहित तीन बड़े कॉम्प्लेक्सों को सीज करवा दिया है। यहां निगम ने प्रकाश जानवानी, अशोक, महेन्द्र कुमावत, महेश कवलानी, रमेश गोकलानी, विजय नारवानी, शिव खेमानी, जगदीश कोडवानी, कृष्ण चंचलानी, जगदीश अग्रवाल, अमृत अग्रवाल आदि की दुकानें और बड़े शोरूम सीज कर दिए। इसी प्रकार हाथी भाटा स्थित पुरुषोत्तम मोटवानी के साईबाबा होटल, नसीराबाद रोड स्थित पुरानी चुंगी के निकट हरीश मडोरिया का कॉम्पलेक्स तथा मार्टिण्डल ब्रिज के निकट आरडी कोहली तथा भरत कोहली के हिन्द स्पोटर्स संस्थान के भवन को भी सीज किया गया। हालांकि उक्त भवनों को सीज करने में हाईकोर्ट के आदेशों का दबाव रहा है। लेकिन राजनैतिक नजरिये से भी सीज की कार्यवाही को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अवैध कॉम्प्लेक्स मालिकों को उम्मीद थी कि मेयर गहलोत कोई राहत प्रदान करेंगे। इसके लिए मालिकों ने गहलोत से कई बार मुलाकात भी की। लेकिन गहलोत ने वही किया जो नियमों के अन्तर्गत सही था। मालूम हो कि गत कांग्रेस के शासन में निगम प्रशासन ने 490 अवैध भवनों की सूची न्यायालय में पेश की थी। कोर्ट ने ऐसे सभी 490 भवनों को सीज करने अथवा तोडऩे के आदेश दिए हैं। 10 अक्टूबर की कार्यवाही से प्रतीत होता है कि मेयर गहलोत अवैध निर्माणकर्ताओं को राहत देने के मूड में नहीं हैं।
सिटी मजिस्ट्रेट ने निभाई प्रभावी भूमिका:
सीज की कार्यवाही में सिटी मजिस्ट्रेट हरफूल सिंह यादव ने प्रभावी भूमिका निभाई। जिन भवन मालिकों ने विरोध किया उन्हें भी समझाईश के बाद यादव ने शांत किया। कुछ दुकानदार ताले लगाकर भाग गए तो यादव ने पुलिस की मदद से दूसरे ताले लगवाए और सीज की कार्यवाही को पूरा किया। यादव की सूझबूझ से ही चारों स्थानों पर सीज की कार्यवाही सफल रही।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-0982907151