हाईटैक हो रहे, छात्रसंघ चुनाव, टैक्नालाजी का जमकर उपयोग

शमेन्द्र जडवाल
शमेन्द्र जडवाल
अजमेर। गूँजता रहेगा सदियों तक , ऐसा आगाज लिख देंगे, लहू के कतरे से छात्र एकता जिन्दाबाद लिख देंगे।…इसलिये जरा संभलकर चलो मतवालों हम छात्र यूँ ही नही कहलाते। …फुरसत से करेंगे- हिसाब तुझसे ऐ जिन्दगी, अभी हम पार्टी को जितानै में व्यस्त हैं।
..जीहाँ ये वो स्लोगन हैं जिसे नई पीढी अब छात्र संघ चुनावों में हाईटैक यानी कम्प्यूटर ,लैपटाप और स्मार्टफोन के जरिये जोर शोर से प्रचारित कर रही है। यह नया और शायराना अंदाज वोटर्स को – लुभाने में जुट गया है। इसके अलावा नये और महँगे वाहनों पर चढ़कर जुलूस और जोश के साथ चुनावी बिगुल फूँक दिया है।
उधर यहीं एम डी एस यूनिवर्सिटी, सम्राट पृथ्वीराज चौहान राकीय कालेज, सोफिया गर्ल्स- कालेज, राजकीय कन्या महाविद्धालय में कल 24 अगस्त को चुनाव होने है। इसी से प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों के साथ साथ, कालेज कैम्पस के अलावा डोर टू डोर जन सम्पर्क के साथ ही , ट्वीटर, फेसबुक और वहाट्स ऐप जैसी सोशल मीडिया साईट्स पर जोर शोर से पूरी ताकत झोंक दी है। यों अब परफैक्ट
मैनेजमैंट से लड़ा जा रहा है, चुनाव। प्रत्याशियों ने राजनैतिक पार्टियों के अपने जुड़ाव का खुलासा किया है, वही छात्र एकता – जिंदाबाद के नारों से परिसर पाट दिये है। जहाँ 15 से 20 साल पहले तक पारम्परिक रीति से घर घर जाकर वोट मांगे जाते रहे, लगता है, वहीं यह अंदाज भी पुराना पड़ रहा है। बहरहाल कुछेक कैण्डीडेट अब भी डोर टु डोर जाकर अपने सहपाठि वोटर्स और उनके पेरेन्ट्स से भी अपील करते, उनकी सामाजिक समस्या भी सुलझाने को अपने आकाओं तक सूचनाएं भेजी जा रहीं हैं।
..जरा स्लोगन्स की बानगी तो देखिये, – “मे आई हैल्प य”ू। “इफ यू नीड मी, कान्टेक्ट आन- …नम्बर।” “आपको कागजी नेता चाहिये या एक्टिव, खुद करें तय”।मतदाताओं से मिले फीडबैक और कमैन्टस को बराबर नोट भी किया जा रहा है। इस काम में इनकी मदद, इंजीनीयरिंग से जुड़े छात्र महारथी कर रहे है।
संस्था प्रधानो ने भी तैयारियों के चलते, छात्र प्रत्याशियो से नियमों की जानकारियाँ साझा करली है। देखना यह है कि, यह हाईटैक तैयारियाँ कैसे चुनावी परिणाम शाया करातीं है।

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