मोदी के लिए चुनौती भरे है महाराष्ट्र और हरियाणा के परिणाम

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एस.पी.मित्तल

सवाल यह नहीं है कि महाराष्ट्र में भाजपा किस पार्टी का सहयोग लेकर सरकार बनाएगी। सवाल यह है कि वो कौनसे कारण है, जिनकी वजह से महाराष्ट्र में 120 सीटे लेकर भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। आमतौर पर भाजपा को हिन्दी भाषी राज्यों की पार्टी ही माना जाता रहा। यही वजह रही कि चुनाव प्रचार के दौरान शिवसेना के उद्धव ठाकरे ने बार-बार मराठियों की अस्मिता का मुद्दा उछाला, लेकिन शिवसेना 60 सीटों पर ही सिमट कर रह गई। महाराष्ट्र के चुनाव परिणामों ने शिवसेना को भी आत्मविश्लेषण करने का अवसर दिया है। अब शिवसेना भाजपा को किन शर्तों पर समर्थन देगी, यह आने वाले एक-दो दिन में स्पष्ट हो जाएगा, लेकिन यह भी सही है महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जादू चला है। आलोचक कह सकते है कि जादू के बाद भी महाराष्ट्र में पूर्ण बहुमत और हरियाणा में बहुमत में दो सीटे ही ज्यादा मिली है, लेकिन आलोचकों को यह भी समझना चाहिए कि 2009 के चुनाव में महाराष्ट्र में भाजपा को 44 सीटे ही मिली थी। इन चुनावों में शिवसेना भाजपा को 127 सीटे ही दे रही थी इसके मुकाबले में भाजपा को मिली सफलता अच्छी मानी जा सकती है। इसी प्रकार हरियाणा में जातिवादी राजनीति को तोड़कर भाजपा ने 47 सीटे जीती है। इसमें कोई दो राय नही कि नरेन्द्र मोदी के आ जाने पर हरियाणा और महाराष्ट्र के मतदाताओं ने भाजपा को वोट दिए, लेकिन अब यह मोदी की जिम्मेदारी है कि वे इन राज्यों में सुशासन कायम करे। मैंने पिछले दिनों नरेन्द्र मोदी को जो पत्र लिखा था, उसमें राजस्थान के बारे में जानकारी दी। ऐसा नहीं हो कि थोड़े दिनों बाद ही हरियाणा और महाराष्ट्र में भी राजस्थान की तरह भाजपा की सरकार चलने लगे। अच्छा होगा कि दीपावली के बाद नरेन्द्र मोदी भाजपा सरकारों के कार्यों की समीक्षा करें, ताकि मतदाताओं का भरोसा मोदी के प्रति बना रहे। भाजपा की सरकारे मतदाताओं के भावनाओं के अनुरूप काम करें, इसकी जिम्मेदारी भी नरेन्द्र मोदी की ही है। जब मतदाता मोदी के कहने पर भाजपा को वोट देते हैं तो सरकार बनने पर जवाबदेही भी मोदी की ही बनती है। अच्छा हो कि भाजपा शासित राज्यों की समीक्षा की शुरूआत राजस्थान में ही हो। यदि मोदी ऐसा नहीं करेंगे तो लोकतांत्रिक प्रणाली में सत्ता का परिवर्तन कभी भी हो जाएगा। सिर्फ कांग्रेस मुक्त देश और प्रदेश बनाने में काम नहीं चलेगा। यह चुनाव परिणाम मोदी के लिए चुनौती भरे है।
-एस.पी.मित्तल

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