मोदी जी के नीति निर्माता भी बढ़ती बेरोजगारी से डरे, भागे अमरीका

modiजिनको मोदी जी ने देश के लिये नीति बनाने का जिम्मा दिया था
वो भी लगता है देश में बढ़ती बेरोज़गारी से बुरी तरह डर गये
तभी तो नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने इस्तीफा दे दिया
65 साल की उम्र के इस पड़ाव में खुद के लिये उन्हें अमेरिका में सुरक्षित नौकरी तलाशनी पड़ी
क्योंकि भारत में हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा जुमला तो निकला ही
पहले से जो नौकरियां थीं वो भी एक एक कर युवाओं के हाथों से फिसलती जा रही हैं
उन्होंने इस्तीफा देने के जो कारण बताए उनको मोदी जी के अंधभक्त पढ़ लें तो आंखे और दिमाग की नसें खुल जायेंगी
उन्होंने बताया कि अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में जब तक दिमाग और शरीर काम करता है तब तक नौकरी होती है, इसलिए जा रहे हैं
मोदी जी युवाओं को तो नौकरी दे नहीं पाये अलबत्ता जिन्हें वो ले कर आये उनको भी अपने भविष्य की चिंता सताने लगी
जिनका काम देश के लिये आगे बढ़ने की नीति बनाना था उनको ही अपनी नीतियों पर यकीन नहीं
हालांकि, सुधार के नाम पर दूसरों की नौकरी खाने वाले अरविंद जी सरकारी कर्मचारियों को जल्दी रिटायर करने,
पेंशन खत्म करने और आसानी से निकाल देने जैसी लिंचिंग के लिये ताना-बाना बुनते रहे हैं
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी प्रतिभा को ऐसे पलायन करने कैसे दे दिया?
क्या मोदी जी को भी अपने देश के मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया… वगैरह वगैरह … पर भरोसा खत्म हो गया
मोदी जी देश में लोगों की नौकरियां तो जा ही रही हैं,
आप अपने लोगों की प्रतिभा पलायन से तो देश को बचाईये!
मनीष शर्मा

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