हरियाणा के पंचकुला और अन्य स्थानों पर बलात्कारी राम रहीम के समर्थकों का जमवाड़ा एक सुनियोजित सडयंत्र से अधिक एक प्रायोजित कार्य कर्म सा प्रतीत होता है ,क्योंकि जिस बाबा के डेरे पर प्रदेश सरकार का पूरा मंत्री मंडल माथा टेकने और शुक्रिया अदा करने के लिए पहुँचता हो उस सरकार के द्वारा न्यायालय द्वारा अपराधी घोषित किये जाने पर किस प्रकार उस बलात्कारी को सरकारी सुविधा दी गई वह अपने आप ही अपनी कहानी कह रही है ? इस लिए सरकार ने मोहाली में विशेष सीबीआई कोर्ट परिसर के बाहर गुरुमीत के समर्थक दंगाइयों को किस कारन एकत्र होने दिया जब की हरियाणा और पंजाब उच्च न्यायालय के दिशा निर्देश बिलकुल साफ़ थे ? अब सवाल ये है की भीड़ बाबा के भक्तो की थी तो दंगा किसने किया और मरने वाले 36 लोग कौन थे ? फिर डीजीपी द्वारा यह दावा करना की हमने 3 घंटे में दंगो पर काबू पा लिया था सब लोगो को भगा दिया गया ? इस लिए जनता में यह शक है कि यह सब कुछ आर० एस०एस० के द्वारा ही प्रायोजित किया गया था क्योंकि राम रहीम को जिस प्रकार कोर्ट ने बलात्कार के केस में अपराधी घोषित करके सजा देने का ऐलान किया उसकी उपयोगिता अब बीजेपी कें लिये नकारात्मक हो गई है इस लिए उससे पीछा छुड़ाने के लिये यह सब प्रायोजित किया गया लगता है उस काम के लिए आर एस एस के पास एक्सपर्ट लोगो की कोई कमी नहीं है ? बाबरी मस्जिद का ढाया जाना इसका प्रमाण है ! अतःअगर हरियाणा कांड की जाँच किसी आयोग से कराई जाय तो सारा सच सामने आ जायेगा। अतः यह कहने में अब कोई संकोच नहीं है की हरियाणा संकट सुनियोजित नहीं अपितु प्रायोजित था ?
एस. पी. सिंह , मेरठ