रेलवे ठेकेदारों की जायज मांग को लेकर भी सरकार गंभीर नही है , ठेकेदारों की परेशानी है कि जो ठेके जुलाई से पूर्व के है उन सभी पर भी ठेकेदारों को 12 प्रतिशत जी एस टी देना है जबकि ठेकेदारों का कुल प्रॉफिट मार्जिन ही 2 प्रतिशत से लेकर 10 प्रतिशत तक होता है ऐसे में वे सभी ठेकेदार जी एस टी अभी वर्तमान में जुलाई से पूर्व के ठेकों पर देने में असमर्थ है , उनका विरोध जी एस टी को लेकर नही है बल्कि पुराने ठेकों पर छूट देने की मांग है जिसको सरकार को समझना भी चाहिये और छूट देनी भी चाहिए
अभी इसको लेकर सभी ठेकेदारों ने कार्य बंद कर रखा है , ऐसे समय मे जबकि रेलवे में दुर्घटनाओं का दौर चल रहा है , बारिश और बाढ़ के कारण कई जगह पटरियां बह गयी है ऐसे में ठेकेदारों द्वारा काम बंद करने से कैसी अव्यवस्था फैलेगी इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है
देश के अंदर पैदा होने वाले गंभीर संकट से देश को बचाना सरकार की जिम्मेदारी है क्योंकि नागरिकों की जान से बढ़कर नही है जी एस टी , अब सरकार को इस पर तुरंत कार्यवाही करते हुए इस समस्या का हल निकालना चाहिए
विनीत जैन
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