राजस्थान के किसी भी भ्रष्ट नेता व अफसर के खिलाफ 3 साल में कोई कार्यवाही नहीं हुई

प्रेम जैन, वरिष्ठ पत्रकार
प्रेम जैन, वरिष्ठ पत्रकार
सन 2014 के लोकसभा चुनावों में देश के मतदाताओं ने श्री नरेंद्र मोदी जी पर खासा भरोसा कर उन्हें इस उम्मीद के साथ वोट दिया था कि वे देश के भ्रष्टाचारियों से किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे और जरूरत पड़ने पर लाई डिटेक्टर टेस्ट करा उनकी संपत्ति को जब्त कर जेल की हवा खिलाएंगे पर 3 साल का समय गुजर जाने के बाद भी भ्रष्टाचारी सीना तान कर जनता के गाढ़े खून पसीने की कमाई को लूट रहे हैं।
आदरणीय मोदी जी ने न तो भ्रष्टाचारियों को जेल भिजवाया है और ना ही उनकी संपत्ति जब्त कराई है। इतना ही नहीं उन्होंने भ्रष्टाचार की समस्या को खत्म करने के लिए प्रचलित कानून में संशोधन किया है और ना ही उसके लिए कोई रोड मैप तैयार कर सार्वजनिक किया है। इसके अभाव में भ्रष्टाचार विरोधी लोगों को गैर कानूनी कार्य करने वाले लोग पुलिस के जरिए विरोधियों को डरा धमका कर चुप करा रहे हैं।
इस बात का अकाट्य और पुख्ता सबूत यह है कि देश के विभिन्न भागों से प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
यह बात सत्य है कि प्रधानमंत्री के कार्यालय से प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही के लिए राज्य सरकारों को लिखा गया है पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रधानमंत्री कार्यालय से प्राप्त पत्रों पर भाजपा की सरकारों ने भी कोई कार्यवाही नहीं की है।
इस मामले में राजस्थान सबसे बड़ा उदाहरण है। राजस्थान के किसी भी भ्रष्ट नेता व अफसर के खिलाफ 3 साल में कोई कार्यवाही नहीं हुई है, बल्कि भ्रष्ट अफसरों को बचाने का उपक्रम किया गया है।
अव्वल भ्रष्ट नेताओं व अफसरों की शिकायत वहीं करता है, जो सिर पर कफन बांध लेता है और पुलिस की फर्जी कार्यवाहियों का सामना करने के लिए तैयार रहता है।
मैं इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हूँ। भ्रष्टाचार के खिलाफ समाचार लिखे तो पुलिस ने फर्जी मामला दर्ज कर जेल भिजवा दिया और अज्ञात जनों से तरह-तरह की धमकियां दिलवाई कि अब ऐसा किया तो ऐसे परिणाम भोगने होंगे, जिनकी कभी कल्पना भी नहीं की होगी।
इस घटना की शिकायत मैंने प्रधानमंत्री से लेकर संबंधित मंत्रियों व अफसरों से भी की, लेकिन प्रधानमंत्री ने मेरी सुरक्षा के पुख्ता बंदोवस्त व दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने वजाय उन्हें पीठ थपथपा कर लूटने के लिए स्वतंत्र और कर दिया गया।
यह उदाहरण भाजपा नीत राजस्थान सरकार के लिए काफी है। भाजपा सरकार ने अपने पौने 4 साल के शासन में एक भी भ्रष्ट नेता, आईएएस, आईपीएस व आईआरएस को सेवा से बर्खास्त नहीं किया है, ज्यादा दबाव पड़ने पर किसी छोटे अधिकारी व कर्मचारी को सस्पेंड किया है तो उसे बहाल भी किया जा रहा है।
इस बात का अकाट्य और पुख्ता प्रमाण एसीडी द्वारा रंगे हाथ पकड़े गए कार्मिकों के अभियोजन की स्वीकृति नहीं देना है। यूं तो ऐसे बहुत से प्रमाण हैं पर लिखने से कोई फायदा नहीं है, जब खजाने की रखवाली करने वाला ही खजाने को लूट रहा हो तो वहां न्याय और सुशासन की कल्पना बेमानी सिद्ध होती है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी वास्तव में ही देशवासियों की सेवा करना चाहते हैं तो सीबीआई से राजस्थान की जांच कराएं और जिनके पास भ्रष्टाचार के सबूत हैं, उनकी सुरक्षा के पुख्ता बंदोवस्त करा उनसे सबूत हासिल करें और ऐसे ही सबूत जुटाने के लिए उनकी हौसला अफजाई करें।

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